हिमांचल प्रदेश में टूटे बारिश के सभी रिकॉर्ड, 192 करोड़ की फसल बर्बाद

हिमांचल प्रदेश । हिमांचल प्रदेश में मई के महीने में सामन्यतौर पर 63.3 मिमी बारिश की आवश्यकता होती है। इस बार बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और मई के महीने 116.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है।

हिमांचल प्रदेश में मई के महीने में बेमौसम व अत्यधिक बारिश से  किसानो की फसल को बर्बाद कर दिया है। बेमौसम बारिश ने पिछले 19 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिससे राज्य के किसानों की हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई। बारिश होने के होने के कारण बागवानी करने वाले किसानों को काफी नुकसान हुआ है। कई किसानों ने बैंकों से कर्ज लेकर फसल लगाई थी ऐसे में अधिक नुकसान होने के कारण किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के किसानों को बेमौसम बारिश होने के कारण लगभग 192 करोड़ की फसल हो नुकसान हुआ है, जिसमे  बागवानी करने वाले किसानों 91 करोड़ और दूसरी फसलों को लगभग 55 करोड़ का नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों की मानें तो उनका कहना है कि बारिश के कारण पक कर तैयार होने वाली फसलों को काफी नुकसान हुआ है। राज्य के किसान काफी चिंतित हैं ।मई के महीने में सामन्यतौर पर 63.3 मिमी बारिश की आवश्यकता होती है। इस बार बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और मई के महीने 116.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

किसानों को मिलेगा मुआवजा

बीते मार्च और अप्रैल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसान की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। बारिश का असर किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। कई किसान कर्ज को लेकर चिंतित हैं। बारिश से हरियाणा, पंजाब, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों में रबी फसल को बारिश से अधिक नुकसान पहुंचा था। गेहूं, सरसों और चना की फसलें इस प्राकृतिक आपदा के कारण बर्बाद हो गई थीं। इसके बाद हरियाणा और पंजाब सरकारों ने मुआवजे की घोषणा की थी। तब दोनों राज्यों की सरकार ने कहा था जिन किसानो की फसल 75 फीसदी से अधिक बर्बाद हुई है उनको 15 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जायेगा। यदि फसल का नुकसान 51 से 75 फीसदी के बिच हुआ है तो मुआवजे के रूप में 12000 रूपये दिए जायेंगे।

सरकार ने 181 करोड़ खातों में ट्रांसफर किये

बीते बुधवार को हरियाणा सरकार ने अपने वादे के मुताबिक किसानों के खाते में 181 करोड़ की राशि हस्तांतरित की इससे हजारों किसानों को राहत मिली है।

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