साल में दो बार ब्रोकली की खेती, इस राज्य के किसानों ने किया कमाल

उत्तराखंड | यदि हम आपसे कहें कि उत्तराखंड के किसान अब साल में दो बार ब्रोकली की फसल ऊगा सकते हैं तो शायद आपको यह विश्वास नहीं होगा, लेकिन नैनीताल के एक किसान ने ऐसा अद्भुत प्रयोग करके सिद्ध किया है।

ब्रोकली की खेती सर्दी के मौसम में होती है इसकी खेती के लिए 18 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान प्रयाप्त होता है। उत्तराखंड के किसान  नरेंद्र मेहरा ने गर्मी के मौसम में ब्रोकली की फसल लगाई यानि 37 से 38 डिग्री सेल्सियस तापमान में और वह सफल भी हुए।

नैनीताल जिले के हलद्वानी ब्लॉक के मल्लादेवला गाँव के रहने वाले किसान नरेंद्र मेहरा खेती में नए नए प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं। इस बार गर्मी के सीजन में उन्होंने ब्रोकली उगाई और उनका प्रयोग सफल हुआ साथ ही बेहतर उत्पादन भी मिला।

नरेंन्द्र मेहरा ने कृषिभूमि को बताते हुए कहा कि इस बार गर्मी के मौसम में ब्रोकली कि खेती करने का आईडिया आया तो मैने विचार किया क्यों न ब्रोकली कि खेती की जाये। इस फसल में मुझे सर्दी के मुकाबले गर्मी में मुनाफा अच्छा होगा। सामान्यतौर पर ब्रोकली की फसल की बुवाई अक्टूबर से नवंबर के महीने में की जाती है और दिसम्बर से फरवरी तक फसल तैयार हो जाती है।

नरेंद्र मेहरा ने फरवरी के महीने में 1 बीघा क्षेत्रफल में खुले खेत में ब्रोकली के पौधे लगाए हैं जबकि पॉलीहाउस में लगभग 2500 ब्रोकली के पौधे लगाए हैं। उन्होंने बताया की तापमान में हुई वृद्धि के कारण खुले में लगाए गए पौधे सूख गए लेकिन पॉलीहाउस में लगाए गए पौधों की फसल अच्छी रही।

नरेंद्र मेहरा ने पूरी तरह से जैविक तरीके से ब्रोकली की फसल उगाने का प्रयास किया। उन्होंने फसल में वर्मी कंपोस्ट, अपशिष्ट डीकम्पोजर, गोमूत्र और नीम अर्क का उपयोग किया। उन्होंने मिट्टी के शोध के लिए ट्राईकोडर्मा और सूडोमोनास का उपयोग किया।

मेहरा आगे बताते हैं कि मैं पॉलीहाउस और बाहर लगी फसल को एक समान पानी देता था। पॉलीहाउस के बारे यह कहा जाता है उसके अंदर बाहर से अधिक तापमान होता है।हालांकि, मैंने अपने प्रयोग में देखा है कि बाहर सिंचाई करने पर उसमें नमी अधिक हो जाती है, जिसके कारण अंदर का तापमान कम हो जाता है।

मेहरा ने फरवरी के महीने में ब्रोकली के पौधे लगाए और अप्रैल में उनकी फसल तैयार हो गई, उन्होंने मई के महीने तक फसल बाजार में बेंची उनको इस फसल का मूल्य 100 से 120 रूपये प्रति किलो मिला।

मेहरा ने बताया कि आने वाले समय में नैनीताल,पिथौरागढ़ और बागेश्वर समेत कई जिलों के किसान ब्रोकली कि फसल को लगकर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

नैनीताल के मुख्य उद्यान अधिकारी आर के सिंह कहते हैं कि नरेंद्र खेती हमेशा नए नए प्रयोग करते रहते हैं। इस बार उन्होंने ब्रोकली पर प्रयोग किया और वह सफल भी रहे। इसमें नरेंद्र की मेहनत के साथ-साथ मौसम ने भी अच्छा रहा क्योंकि इस बार वर्षा की वजह से तापमान कम रहा है। हम आगामी दिनों में इस पर और अधिक मेहनत करेंगे।

मेहरा ने कृषि के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के प्रयोग किये हैं गत वर्ष उन्होंने एक पेड़ में 25 किलो हल्दी उगाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने गेहूं कि 09 किस्म विक्षित की है। पिछले 10 वर्षों से वे जैविक खेती की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *