महाराष्ट्र के किसान प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित सभी किसानों के लिए 100 प्रतिशत फसल बीमा और लातूर जिले को सूखा घोषित कर किसानों को 5,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। वे प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने और टमाटर के आयात पर रोक लगाने की भी मांग कर रहे हैं। प्रशासन को इन मांगों को पूरा करने के लिए समय दिया गया था। लेकिन मांगों को लेकर प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
महाराष्ट्र के लातूर में किसानों ने सरकार से सोयाबीन की कीमत 9,000 रुपये प्रति क्विंटल तक सीमित रखने और टमाटर का आयात बंद करने की मांग की है। वहीं, लातूर को भी सूखा घोषित कर मुआवजे की मांग की गई है। किसानों ने शहर के हरगुल रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन करने की कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारी किसानों को पुलिस ने स्टेशन पर रोक दिया और हिरासत में ले लिया। ताकि रेल यातायात बाधित न हो। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसलों के उचित दाम और मुआवजे की मांग को लेकर राज्य के किसान अलग-अलग तरीके से सरकार के सामने अपनी बात रख रहे हैं।
आज दोपहर दो बजे आंदोलनकारी किसान हरनगुल रेलवे स्टेशन पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर जोर-शोर से नारे लगाकर रेल स्टॉप आंदोलन शुरू करने की कोशिश की। लेकिन इस आंदोलन की खबर पुलिस को पहले ही मिल चुकी थी इसलिए सुबह से ही इस स्टेशन पर पुलिस तैनात थी। जिसने स्टेशन पर मौजूद सभी किसान आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया। जिसके चलते वह रेलवे को रोक नहीं पाए लेकिन उन्होंने अपनी परेशानी जरूर उठाई।
जानिए किसानों की मांगों के बारे में
इन किसानों ने 15 दिन पहले सोयाबीन का भाव बढ़ाकर 9000 रुपये क्विंटल करने की मांग की थी। किसान लातूर जिले में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी किसानों के लिए 100 प्रतिशत फसल बीमा और लातूर जिले में सूखा घोषित कर किसानों को 5,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। वे प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने और टमाटर के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। प्रशासन को इन मांगों को पूरा करने के लिए समय दिया गया था, लेकिन मांगों को लेकर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते इन किसानों ने आज लातूर में विरोध प्रदर्शन किया।
फसलों की कम पैदावार से किसान परेशान
किसानों का कहना है कि इस साल रबी और खरीफ की फसलों के उत्पादन में भारी कमी आई है। कम बारिश के कारण इस सीजन में सोयाबीन, कपास और ज्वार की फसलों के उत्पादन में 28 फीसदी की कमी आई है। वहीं, रबी सीजन में बेमौसम बारिश से हुए नुकसान से चना और अरहर के उत्पादन में 32 फीसदी की कमी आई है। ऊपर से बाजार में फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। किसान सूखे, बेमौसम बारिश और फसलों की कम कीमतों की समस्या का सामना कर रहे हैं।