आज ‘ब्लैक फ्राइडे’ मनाएंगे अन्नदाता, आंदोलन में किसान की मौत के बाद लिया फैसला

Farmers Black Day : दिल्ली सीमा पर किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। बुधवार (21 तारीख) को खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में एक युवा किसान की मौत के बाद किसान संगठन आक्रामक हो गए हैं। अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान आज देशभर में ब्लैक फ्राइडे यानि काला दिवस मना रहे हैं और इस मामले में 14 मार्च को रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करेंगे।

किसान की मौत के बाद किसान संगठनों ने ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया है। किसानों ने मांग की है कि पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए युवा किसान की हत्या का मामला तुरंत दर्ज किया जाये। किसान नेता सरवनसिंग पंधेर ने कहा की किसान की मौत का मामला गंभीर है और अपराधी पुलिस पर करवाई होनी चाहिए।

पुलिस पर एक्शन ले सरकार 

मृतक किसान की पहचान बठिंडा जिले के रहने वाले शुभकरण सिंह (21 वर्ष) के रूप में हुई है। पटियाला में मीडिया से बातचीत करते हुए पंधेर ने कहा कि हरियाणा सुरक्षा बल के जवान पंजाब की सीमा में घुस रहे हैं और खनौरी बॉर्डर पर किसानों पर अत्याचार कर रहे हैं। हमारी मांग है कि पंजाब सरकार किसान की मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज करे।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मांग की है कि ‘शुभकरण सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस किसान की मौत पर दुख जताया है और पोस्टमॉर्टम के बाद इस मामले में केस दर्ज किया जाने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने किसान की मौत के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया।

सरकार चर्चा के लिए सदैव तैयार 

वही केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसान देश के ‘अन्नदाता’ हैं और सरकार उनसे बात करने के लिए हमेशा तैयार है।

विपक्ष का सरकार पर हल्लाबोल

राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही किसानों को तरह-तरह की ‘गारंटी’ दे रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर बढ़ते कर्ज के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। आज देश में अन्नदाताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कड़ी मेहनत के बावजूद उसे अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भी किसानों के मार्च पर केंद्र सरकार को घेरते हुए इस आंदोलन के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

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