Parali पराली की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने सभी राज्यों ने कई प्रकार के उपक्रम शुरू किये है। पर यह समस्या दूर होने का नाम ही नहीं लेती, इसलिए यूपी सरकार ने ओरैया जिले में किसानों को पराली जलाने से दुरी बनाने के लिए लुभावना तरीका अपनाया है। किसानों को पराली के बदले गोबर की खाद देने की योजना बनाई है।
जिले के किसान गौशालाओं से पराली के बदले में गाय का गोबर खाद के तौर पर ले जाएंगे। यह योजना औरैया जिला अधिकारी द्वारा किसानों के लिए बेहतर विकल्प के तौर पर बनाई गई है, जिससे किसान पराली न जला सके और जुर्माना देने से भी बच सके। औरैया जिले के जिला अधिकारी इंद्रमणि त्रिपाठी की ये पहल किसानों के लिए काफी सराहनीय है।
पराली जलाने में अग्रसर राज्य
आंकड़े बताते हैं कि पंजाब और हरियाणा ने पिछले पांच वर्षों में पराली जलाने के मामलों पर काफी हद तक अंकुश लगाया है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फसली अवशेष के जलाए जाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। लेकिन इस साल पराली जलाने में मध्य प्रदेश ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। पंजाब में इस साल करीब 80 लाख, मध्य प्रदेश में 45 लाख और हरियाणा में 40 लाख एकड़ में (Peddy Crop) लगाया गया है। मध्य प्रदेश में धान का रकबा पंजाब से 44 प्रतिशत कम होने के बावजूद करीब 30 प्रतिशत अधिक पराली जली है, जबकि हरियाणा की तुलना में यह 91 प्रतिशत ज्यादा है।
किसानों को नहीं देना पड़ेगा भाड़ा
पराली को लाने का कष्ट किसान खुद नहीं उठाना चाहते। इसलिए जिला अधिकारी ने खेतों से ही परली उठाने का इंतजाम कर दिया है। जिला अधिकारी ने बताया कि प्रधान के द्वारा खेतों में जेसीबी मशीन की व्यवस्था कराई जाए, जिससे पराली की लोडिंग हो सके और किसानों का भाड़ा भी न देना पड़े।
पराली जलाने पर बढ़ा दिया गया जुर्माना
केंद्र सरकार की ओर से फसल अवशेष जलाने पर जुर्माना बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि नए नियमों के अनुसार, 2 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि 2 से 5 एकड़ के बीच की जमीन के लिए 10,000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक जमीन के लिए 30,000 रुपये का जुर्माना तय किया गया है।