केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला, अब खरीद के 48 घंटे के अंदर होगा गेहूं का भुगतान

wheat purchase

देश में किसान आंदोलन के बीच केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। असल में एक मार्च से गेहूं की खरीद शुरू होगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को गाइडलाइन जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने अपने निर्देश में राज्यों से कहा है कि वे 1 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू करें और 48 घंटे के भीतर किसानों के खातों में भुगतान करने का प्रयास करें। खास बात यह है कि सरकार का यह फैसला एमएसपी की कानूनी गारंटी लेकर कई दिनों से शंभू बॉर्डर पर खड़े किसानों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच आया है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा, मुझे उम्मीद है कि खरीद सीजन से काफी पहले किसानों के मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। मुझे नहीं लगता कि किसानों के आंदोलन का पंजाब में गेहूं की खरीद पर असर पड़ेगा।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक संजीव चोपड़ा ने कहा है कि पंजाब में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद खरीद प्रक्रिया में कोई व्यवधान नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि इस बार उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार से गेहूं की अधिक खरीद होने की उम्मीद है। संजीव चोपड़ा के मुताबिक सरकार ने खरीद केंद्रों की संख्या में इजाफा करते हुए राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे जल्द खरीद शुरू करें ताकि किसानों को लंबी दूरी की यात्रा न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को उनकी उपज खरीदने के 48 घंटों के भीतर भुगतान करने का भी फैसला किया है। क्योंकि ज्यादा खरीद से सरकारी स्टॉक बढ़ेगा, जो फिलहाल सात साल के निचले स्तर पर है।

बंपर फसल की जा रही है उम्मीद

खाद्य सचिव ने कहा कि कई क्षेत्रों में अगेती बुवाई और ठंडे व अनुकूल मौसम से इस बार बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार ने इस बार 11.4 करोड़ टन गेहूं के बंपर उत्पादन का अनुमान लगाया है। पिछले साल सरकार ने 3.41 करोड़ टन के अनुमानित लक्ष्य के मुकाबले 2.61 करोड़ टन गेहूं की खरीद की थी। चोपड़ा ने कहा कि पिछले रबी या सर्दी के मौसम में, उत्तर प्रदेश और बिहार ने क्रमशः 3.5 और 1 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले 214,981 और 589 टन गेहूं की खरीद की, जबकि राजस्थान में 438,000 टन था।

तुअर दाल की एमएसपी पर खरीद

फिलहाल केंद्र सरकार ने उत्पादकों को सही दाम दिलाने के लिए तुर या अरहर दाल को एमएसपी दर पर खरीदने की घोषणा की है। इस बार रबी फसलों की सरकारी खरीद प्रक्रिया करीब 25 से 30 दिन पहले शुरू हो रही है। एफसीआई के अलावा केंद्र ने सहकारी समितियों को किसानों से अपनी फसल खरीदने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में अरहर दाल की खरीद की जाती है। सहकारी समिति की जिम्मेदारी नेफेड को सौंपी गई है। नेफेड ने किसानों को एमएसपी पर अपनी उपज बेचने के लिए ई-समृद्धि पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए कहा है।

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