सहकारी समितियों पर 90 फीसदी तक सस्ती दवाएं मिलेंगी, 4400 पैक बनाए जाएंगे पीएम जन औषधि केंद्र

Cooperation minister Amit Shah

किसानों और आम लोगों के लिए केन्द्र सरकार ने बड़ा ऐलान करने जा रही है। असल में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ‘प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) द्वारा प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्रों के संचालन’ की महत्वपूर्ण उपलब्धि के उपलक्ष्य में आयोजित ‘राष्ट्रीय पैक्स महा सेमिनार’ की अध्यक्षता करेंगे। संगोष्ठी का आयोजन सहकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से किया जा रहा है। जो सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने वाला सरकारी संस्थान है।

हाल ही में पीएम भारतीय जन औषधि केंद्रों के संचालन के लिए पैक्स को पात्र संस्था बनाया गया है। पिछले कुछ महीनों में 34 राज्यों के 4400 से अधिक पैक्स यानी सहकारी समितियों ने भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग के पोर्टल पर इस पहल के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है, जिनमें से 2300 से अधिक समितियों को प्रारंभिक स्वीकृति और 146 को प्राप्त हुआ है। जन औषधि केंद्रों के संचालन के लिए पैक्स यानी सहकारी समितियों को पात्र बनाया गया है। वे इस तरह काम करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं।

दवा लाइसेंसधारी भाग लेने के लिए

इस महासंगोष्ठी में सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस), सहकारी समितियों के प्रधान सचिव, सचिव और रजिस्ट्रार के साथ-साथ उन पैक्स के अध्यक्ष, सचिव और फार्मासिस्ट भाग लेंगे, जिन्होंने जन औषधि केंद्र के लिए ड्रग लाइसेंस प्राप्त किया है।

90 फीसदी सस्ती हैं दवाइयां

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के माध्यम से आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं जो खुले बाजार में ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं। इन केन्द्रों पर 2000 से अधिक प्रकार की जेनेरिक दवाएं और लगभग 300 शल्य चिकित्सा उपकरण आम जनता को उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं। यह पहल पैक्स को अपने आर्थिक कार्यों का विस्तार करने के लिए नए अवसर प्रदान करेगी, इससे पैक्स से जुड़े करोड़ों छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि होगी और इसके साथ ही यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में आय के नए अवसर पैदा करने में भी बहुत मददगार होगी।

पैक्स को नाबार्ड से जोड़ा जा रहा है

पैक्स ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों छोटे और सीमांत किसानों की सेवा के लिए सहकारी आंदोलन की नींव के रूप में काम कर रहा है। सहकारिता मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार-से-समृद्धि” के विजन को साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। देश भर में पैक्स का कम्प्यूटरीकरण चल रहा है, जिसके तहत राष्ट्रव्यापी ईआरपी आधारित सॉफ्टवेयर के माध्यम से पैक्स को नाबार्ड से जोड़ा जा रहा है। साथ ही आर्थिक गतिविधियों में विविधता लाने और पैक्स के कामकाज में सुधार लाने के उद्देश्य से मॉडल उपनियम बनाए गए हैं।सहकारी क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए एक नया राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस और एक नई सहकारी नीति बनाई जा रही है। बीज, जैविक और कृषि उत्पादों के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्थापित तीन नई बहु-राज्य सहकारी समितियों को, हराया गया है।

पैक्स स्तर पर बन रहा गोदाम

देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुचित भंडारण व्यवस्था के लिए सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना भी शुरू की गई है, जिसके तहत पैक्स स्तर पर गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। ये सभी महत्वपूर्ण पहल पैक्स और प्राथमिक स्तर की सहकारी समितियों को मजबूत करेंगी और उनसे जुड़े करोड़ों किसानों के जीवन में समृद्धि लाएगी।

 

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