मुंबई : मध्य महाराष्ट्र के किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है | डिवीजनल कमिश्नर के दफ्तर की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 31 अगस्त तक 685 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
मध्य महाराष्ट्र के इस शुष्क क्षेत्र में आठ जिले- औरंगाबाद, जालना, बीड, परभनी, नांदेड, उस्मानाबाद, हिंगोली और लातूर आते हैं। खराब फसल, कर्ज चुकाने का दबाव और खराब माली हालत के चलते किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं |
एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, मौतों का सबसे ज्यादा आंकड़ा बीड जिले से है, जहां अब तक 186 किसानों ने आत्महत्या की हैं । गौर करनेवाली बात यह है कि बीड महाराष्ट्र के मौजूदा कृषि मंत्री धनंजय मुंडे का गृह जिला है।
हर जिले में मरनेवाले किसनों की संख्या
मराठवाड़ा में सबसे ज्यादा किसानों ने बीड में जान दी। इसके अलावा 2023 में अब तक उस्मानाबाद में 113 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। तीसरा नंबर नांदेड का है, जहां 110 किसानों ने जान दी है। औरंगाबाद में 95, परभनी में 58, लातूर में 51, जालना में 50 और हिंगोली में 22 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। यह आंकड़े केवल 31 अगस्त 2023 तक के हैं | सबसे अधिक किसानों की जान मानसून के महीनों में गई है |
बारिश की नाराजगी
इस साल मराठवाड़ा में साल की सबसे कम बारिश रही | यहां इस मानसून सीजन में 20.7 फीसदी तक कम बारिश हुई है। क्षेत्र में 11 सितंबर तक 455.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो कि मानसून में होने वाली औसत 574.4 मिमी बारिश से काफी कम है।