उत्तर प्रदेश में खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। शनिवार को उत्तर प्रदेश के शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने निर्देश दिया कि किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति की कमी महसूस नहीं होनी चाहिए। इसके लिए निर्धारित शेड्यूल के अनुसार 10 घंटे सिंचाई के लिए विद्युत आपूर्ति की जाए। जहां किसानों को समय के अनुसार बिजली आपूर्ति की विशेष मांग हो, उसका भी ध्यान रखा जाए। किसानों को नए कनेक्शन देने और माल की आपूर्ति में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ओटीएस के तीसरे चरण, में छोटे घरेलू उपभोक्ताओं और एक किलोवाट लोड तक के किसानों को बकाये के सरचार्ज में 80 प्रतिशत की छूट मिल रही है।
ऊर्जा मंत्री श्री ए.के.शर्मा शनिवार को शक्ति भवन में ओटीएस, आरडीएसएस और बिजनेस प्लान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ओटीएस के प्रति लोगों का जबरदस्त झुकाव है। इसके लिए अभी और मेहनत की जरूरत है ताकि कोई भी व्यक्ति इसके लाभ से वंचित न रहे। अभी तक सबसे लंबे समय तक चलने वाली अवधि यह एक ओटीएस योजना है। जिन उपभोक्ताओं का बकाया 31 दिसंबर 2023 के बाद बकाया रहेगा या बिजली चोरी के मामलों का निपटारा नहीं होगा. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।मंत्री ने निर्देश दिए कि बड़े बकायेदारों से वसूली के लिए मुख्यालय, डिस्कॉम, क्षेत्रीय और जिला स्तर के कार्यालयों से भी प्रयास किए जाएं।
उन्होंने बताया कि ओटीएस के दो चरणों में पूर्वांचल में 9.30 लाख, मध्यांचल में 9.25 लाख, दक्षिणांचल में 7.13 लाख, पश्चिमांचल में 7.12 लाख , केस्को में 20 हजार उपभोक्ताओं ने ओटीएस में पंजीकरण कराया और अधिभार में छूट का लाभ लिया। इसी तरह पूर्वांचल में 18 हजार, मध्यांचल में 11 हजार, दक्षिणांचल में 18 हजार, पश्चिमांचल में 21 हजार और केसको में 1350 लोगों ने ओटीएस का लाभ लेकर अपने केस खत्म किए।
ओटीएस के तहत किस्तों में भी भुगतान की सुविधा
मंत्री एके शर्मा ने कहा कि ओटीएस के तीसरे चरण में 1 किलोवाट लोड तक के छोटे घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को बकाया के सरचार्ज में 80 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इसी तरह बिजली चोरी के मामलों में तीसरे चरण में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। टीएस के तहत किस्तों में भुगतान की सुविधा भी प्रदान की गई है। योजना के तहत तीसरे चरण में 1 किलोवाट से अधिक लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 70 प्रतिशत, 3 किलोवाट लोड तक के व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 60 प्रतिशत, 3 किलोवाट से अधिक लोड वाले व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 40 प्रतिशत, निजी संस्थानों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को 30 प्रतिशत की छूट मिल रही है।