केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने चावल की कीमतों को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि चावल के खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और मिलर्स को आगामी शुक्रवार से चावल के स्टॉक की जानकारी देनी होगी। इसके निर्देश खाद्य विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने जारी किए। इसमें बासमती, नॉन बासमती, उबले और टूटे चावल की जानकारी देनी होगी। संजीव चोपड़ा ने कहा, चावल की महंगाई को कम रखने के लिए रिटेलर, थोक विक्रेताओं और प्रोसेसर रखने वालों को सलाह है कि वे अगले शुक्रवार से सरकार के पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी दें। चावल की विभिन्न श्रेणियों के व्यापारियों को स्टॉक की जानकारी दी जानी है। चावल बासमती हो या गैर बासमती या टुकड़ा चावल, इसकी जानकारी व्यापारियों को देनी होगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक चावल के दाम में एक साल में 14.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसका सीधा असल आम लोगों पर पड़ रहा है। असल में ऐसी शिकायतें सरकार को मिली थीं कि व्यापारी चावल की जमाखोरी कर रहे थे। इसे देखते हुए सरकार ने चावल के स्टॉक की जानकारी देने को कहा है। सरकार ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ी तो चावल की स्टॉक लिमिट तय की जा सकती है।
कीमत 29 रुपये किलो रखने के निर्देश
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि इस स्टॉक निर्देश से कारोबारियों को संदेश जाएगा कि ऐसा करना गलत साबित हो सकता है। ऐसे लोग जो बिना किसी कारण के चावल का स्टॉक जमा कर रहे हैं, वे इस कदम से माल को बाजार में उतार देंगे। चावल की कीमत को कम करने के लिए घोषित अन्य कदम हैं, इनमें नाफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसी सरकारी एजेंसियों के माध्यम से सस्ती दर पर बेचा जा रहा भारत ब्रांड चावल शामिल है। सचिव ने कहा कि सरकार देश के उन हिस्सों पर फोकस कर रही है, जहां चावल का दाम राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले ऊंचा है। सरकार उन क्षेत्रों में चावल की कीमत कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की कोशिश कर रही है।
गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध
सरकार ने घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 20 जुलाई को गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ देशों में नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड के माध्यम से निर्यातों की अनुमति दी गई है। सरकारी विभाग डीजीएफटी ने हाल ही में कहा था कि सरकार के आदेश पर इसे उन देशों को निर्यात किया जा सकता है जहां खाद्य सुरक्षा के लिहाज से इसकी जरूरत है। चावल का निर्यात सरकारी मांग पर शर्तों के साथ किया जा सकता है।
कई दिनों को किया जा रहा है निर्यात
पश्चिम अफ्रीकी देश बेनिन भारत से चावल आयातकों की सूची में सबसे ऊपर है, जो गैर-बासमती चावल का आयात करता है। इसके अलावा यूएई, नेपाल, बांग्लादेश, चीन, कोट डी आइवर, टोगो, सेनेगल, गिनी, वियतनाम, जिबूती, मेडागास्कर, कैमरून, सोमालिया, मलेशिया और बिबेरिया हैं। इससे पहले अगस्त में सरकार ने एक विशेष कदम उठाते हुए बासमती का फ्लोर प्राइस तय किया।