अक्सर काजू निकालने के बाद उससे जुड़े उत्पादों को फेंक दिया जाता है। लेकिन काजू के फल सेहत के लिए अत्यंत फायदेमंद होते हैं। कुछ लोग इसके जूस का सेवन करते हैं तो कुछ इसकी सब्जी भी बनाते हैं। सरकार भी राज्य में काजू प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है। राज्य सरकार कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी जिले के काजू किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए विदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर काजू फलों के रस के व्यवसाय को बढ़ाना चाहती है। सरकार महाराष्ट्र राज्य काजू फल के माध्यम से काजू के रस को संसाधित करने के लिए ब्राजील की तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रही है। जिससे राज्य के किसानों को फायदा होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
मंत्रालय में आयोजित बैठक में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि काजू उत्पादकों को जीएसटी में रियायतें देने के अलावा काजू से विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की जरूरत है। काजू फसल के व्यापक विकास की नीति के माध्यम से काजू उत्पादकों का विकास किया जाएगा।
किसानों को मिलेगा जीएसटी का रिफंड
जीएसटी कराधान प्रणाली में, काजू के बीज के लिए पांच प्रतिशत और काजू के लिए पांच प्रतिशत का दोहरा कर है। इसमें से किसानों को राज्य की और से 2.5 प्रतिशत टैक्स रिफंड दिया जाता है। अब इसमे 2.5 प्रतिशत ‘सीजीएसटी’ की रिफंड राशि भी राज्य सरकार के माध्यम से दी जाएगी।
कोंकण और कोल्हापुर क्षेत्रों में काजू बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। इन क्षेत्रों में काजू के बीज प्रसंस्करण उद्योग भी है। इसके अलावा, लगभग 22 लाख मीट्रिक टन काजू फल का उत्पादन किया जाता है। और चूंकि काजू के फल में एक विशिष्ट गंध होती है, इसलिए इसे प्रसंस्करण के बिना फेक दिया जाता है। ब्राजील में ऐसे फलों के गंध को मिटाने पर संशोधन किया जाता है। फलों की गंध को मिटाने के बाद विविध प्रक्रिया द्वारा इनके उत्पादन बनाये जाते हैं।
कोंकण में काजू फल फसल विकास योजना
कृषि विभाग के माध्यम से,कोंकण डिवीजन और कोल्हापुर जिले के चांदगढ़ और अजरा तालुका में काजू फल फसल विकास योजना लागू की गई है। इसी प्रकार,विपणन विभाग के माध्यम से काजू फल की फसल के विकास के लिए महाराष्ट्र राज्य काजू फल की स्थापना की गई है। कोंकण में ब्राजील की इस तकनीक का इस्तमाल किये जाने पर जोर देते हुए पवार ने सम्बंधित विभाग को ब्राजील संग करार करने की सूचना दी है।
इस के माध्यम से राज्य का काजू ब्रांड बनाने, काजू प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने और उत्पादों के विपणन के लिए कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कृषि विभाग के माध्यम से क्रियान्वित ड्रिप इरिगेशन योजना का लाभ काजू उत्पादकों को दिलाने का निर्देश भी दिया।