राज्य सरकार ने राज्य में सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं को दूध की आपूर्ति करने वाले किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी योजना 10 मार्च, 2024 तक बढ़ा दी है। इस योजना की मियाद 10 फरवरी को ख़त्म हो गयी थी। दुग्ध व्यवसाय विकास विभाग ने 1 महीने के लिए दूध की सब्सिडी को बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। राज्य में दूध के दाम गिरने पर किसानों के लिए प्रति लीटर 5 रूपये की सब्सिडी देने का फैसला सबसे पहले 5 जनवरी 2024 को लिया था। इसके तहत योजना 11 जनवरी से 10 फरवरी तक लागू की गयी थी,जिसे एक महीने के लिए बढ़ाया गया है।
राज्य में दूध के दाम से उत्पादन लागत नहीं निकलती है। इसलिए पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने नागपुर सत्र में दूध की कीमत पर 5 रुपये की सब्सिडी की घोषणा की थी। यह घोषणा की गई थी कि यदि राज्य में सहकारी समितियां और निजी दुग्ध संघ 27 रुपये प्रति लीटर की दर से भुगतान करेंगे तो राज्य सरकार 5 रुपये की सब्सिडी देगी।
सब्सिडी की अवधि बढ़ने पर सरकार करेगी 230 करोड़ रूपये खर्च
इस योजना की अवधि एक महीने बढ़ाए जाने से सरकार को 230 करोड़ रूपये खर्च करने पड़ेंगे। सरकार सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं दोनों पर दूध बेचने वाले किसानों को यह फायदा दे रही है। किसान नेता अजित नवले ने बताया की योजना का फायदा लेने के लिए हर किसान को आवेदन करने की जरुरत नहीं है। जिस दुग्ध संघ में जितना दूध ख़रीदा जाता रहा है उस संघ को सरकार दूध खरीद के अनुसार भुकतान कर देती है।
इसके विपरीत कई किसानों का कहना है कि पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की गड़बड़ी के कारण पिछले दो माह से सब्सिडी योजना का लाभ दुग्ध उत्पादक किसानों को नहीं मिल पाया है। इस बीच, जहां गर्मियों में दूध की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है, वहीं निजी दुग्ध संघों ने कीमतों में 2 से 3 रुपये की कमी की है। अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी के कारण देते हुए निजी दुग्ध संघों ने दाम कम किये हैं। जबकि अन्य दूध उत्पादक उत्पादन लागत भी नहीं निकल पा रहे हैं।
चारे के कमी के कारण बढ़ी लागत
चारे की बढ़ती कीमतों और चारे की कमी के कारण उत्पादन लागत भी बढ़ गई है। दूध उत्पादक किसानों का आरोप है की दुग्ध संघों के मनमाने प्रबंधन के कारण दुग्ध उत्पादकों को परेशानी हो रही है। इस बीच राज्य के बजट सत्र में विधायक हरिभाऊ बागड़े और विधायक सुरेश धस ने दूध सब्सिडी योजना को जून महीने तक बढ़ाने की मांग की है।