उड़ीसा के युवा किसान ने खेती को अपनी कमाई का जरिया बनाया। आयआयटी उत्तीर्ण 32 वर्षीय हीरोद पटेल ने सरकारी नौकरी की बजाय कृषि क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाई। अपनी योग्यता और मेहनत के दम पर आज हीरोद सालाना 10 लाख से अधिक की कमाई करते हैं।
सुंदरगढ़ जिले के सुदूर टांगरपाली ब्लॉक के रतनपुर गांव के 32 वर्षीय कृषि उद्यमी ने न केवल अपने जैसे किसानों को महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए कुशल खेती की ओर जाने का रास्ता दिखाया है, बल्कि सरकारी सहायता से किसानों के सशक्तिकरण का एक उदाहरण भी स्थापित किया है।
सरकारी नौकरी के बजाय चुना खेती का रास्ता
हिरोद पटेल ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के टांगरपाली ब्लॉक के रतनपुर के रहने वाले हैं। हिरोद को बचपन से ही कृषि में रुचि थी। वह खेती में अपने पिता की मदद भी करते थे। इससे उन्होंने खेती की तकनीक सीखी। इसके बाद हिरोद ने खेती करना शुरू कर दिया। अपने पिता के रिटायरमेंट के बाद हिरोद पटेल ने अपनी एक एकड़ जमीन पर खेती करना शुरू कर दिया। हिरोद पटेल को बचपन से ही खेती का शौक था, इसलिए आईटीआई कोर्स पूरा करने के बाद हिरोद ने सरकारी नौकरी की बजाय खेती को चुना। खेती के माध्यम से अपने इलाके के कई लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं। वहीं, खेती से प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।
तरह-तरह की सब्जियां और फलों की करते हैं खेती
हिरोद पटेल ने अपनी खेती में तरह-तरह की सब्जियां, केला, आम, अमरूद और थाईलैंड एप्पल, बेरी के पेड़े लगाए है। उनका कहना है कि इससे हर साल अच्छी पैदावार होती है और आधुनिक तकनीक से उन्हें हर साल अच्छी आमदनी भी होती है। हिरोद पटेल ने अपने खेत में तीन तालाब बनवाए और उनमें मछली पालन शुरू किया। कुछ समय में उन्हें इससे अच्छी आमदनी होने लगी।
कृषि क्षेत्र में करियर की अच्छी संभावनाएं
हिरोद ने कहा कि अगर मैं चावल की खेती करता हूं तो साल में 25000 रुपये या 30000 रुपये कमा सकता हूं। लेकिन, मैं उसी एकड़ जमीन पर सब्जी, फल और फूल की खेती करके प्रति वर्ष दो से ढाई लाख रुपये कमा लेता हूं। उन्होंने बेरोजगार युवाओं को कृषि को करियर के रूप में चुनने की सलाह भी दी। कृषि क्षेत्र में करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। शुरुआत में दिक्कतें आईं, लेकिन जब आप खेती के बारे में सबकुछ जानने लगते हैं तो चीजें आसान हो जाती हैं।