अनचाही बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरस पड़ी है | मौसम में आये बदलाव के मद्देनजर मौसम विभाग ने इस हफ्ते बारिश की संभावना जताई है | जिससे किसानों को फसलों की चिंता सताने लगी है। बीते सोमवार को हुई बेमौसम बारिश से किसानों के खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं। खेतों में खड़ी गेहूं और चने की फसल बर्बाद हुई और तेज हवाओं से खेतों में कटी फसलें उड़ गई। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ था। अभी तक कई इलाकों में क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे भी नहीं हो पाया था और अब मौसम विभाग ने फिर से बारिश की संभावना जताई है, जिससे किसान चिंता में हैं।
इन राज्यों में हो सकती है बारिश
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र , हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश के साथ ही अगले चार दिनों के भीतर कई राज्यों में गरज के साथ बारिश हो सकती है। 16 और 17 मार्च को पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में ओलावृष्टि के साथ बारिश हो सकती है। इस दौरान तेज आंधी चलने की भी संभावना है।
बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार बारिश की संभावना 20 मार्च तक जारी रहेगी। अरब सागर से आ रही हवाओं से प्रदेश के कई जिलों में बारिश की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा राज्य में तेज आंधी चलने का अनुमान जताया गया है और कहा जा रहा है कि ओलावृष्टि की भी संभावना है। साथ ही बिजली चमकने और गिरने के मामले भी देखे जा सकते हैं।
पिछले दिनों से हो रही ओलावृष्टि के साथ हुई बारिश ने राज्य में गेहूं, चना और सरसों सहित अन्य रबी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। इस से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. शेखर सिंह बघेल ने बताया कि प्रदेश में गेहूं, मटर, सरसों सहित अन्य फसलें पक कर तैयार हो चुकी हैं। अगर तेज बारिश, ओलावृष्टि होती है तो इन फसलों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
रबी फसल की कटाई का समय, किसान सावधान रहें
मौसम विभाग ने किसानों से कहा है कि अभी रबी की फसल काटने का समय है। इसलिए किसानों को सावधान रहना चाहिए। अपनी कटी हुई फसल को सुरक्षित रखें। इसे सुरक्षित जगहों पर स्टोर करें। खराब मौसम में पशुओं को बाहर न रखें। मौसम साफ होने पर ही बाहर काम करें। विभाग ने सलाह दी है कि जब तक खेतों में काम करते समय गड़गड़ाहट सुनाई दे, तब तक किसानों को पक्के घर में जाकर शरण लेनी चाहिए। किसी भी हालत में पेड़ के नीचे न खड़े हों।