किसी भी पौधे की अच्छी देखभाल और ग्राउंड पर के लिएं कई चीज़ जरूरी है, जिसमे पानी, मिट्टी और धूप को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। लेकिन, इन सब में मिट्टी का महत्व सबसे अधिक है क्योंकि मिट्टी में कई ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो पौधे की ग्राउंड में मदद करते हैं। ऐसे में पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी में फर्टिलाइजर का उपयोग किया जाता है।
पौधो में और अच्छी ग्राउंड के लिए बायोचार को भी एक अच्छा विकल्प माना जाता है। बायोचार एक तरह का कोयला है , जो बेहद कम ऑक्सीजन मे तैयार किया जाता है। ये मिट्टी के पोषक तत्वों के आलावा वाटर होल्डिंग कैपेसिटी को भी बढ़ाता है।
बायोचार को बनाने का तरीका
बायोचार को बनाने के लिएं लकड़ी, पत्ती, डेड रिमेन्स को गर्म करके बनाया जाता है। कोयला बनाने की इस प्रोसेस को पैरालिसिस कहते हैं। पैरालिसिस के प्रोसेस में ऑक्सीजन की एब्सेंस में हाई टेंपरेचर पर गर्म किया जाता है। लगातार गर्म करने से एक चारकोल जैसा प्रोडक्ट तैयार होता है इसी को बायोचार कहा जाता है।
बायोचार के फायदे
बायोचार के उपयोग से मिट्टी की पानी को सोखने की क्षमता बढ़ जाती है। ये मिट्टी मे पानी और मिनरल्स को होल्ड करने की क्षमता को बढ़ाकर मिट्टी को Fertilie बनाता है। ये ग्रीनहाउस इफेक्ट को भी कम करता है।
किस प्रपोर्शन में मिलाए
इसे हमेशा 50:50 प्रपोर्शन मे तैयार किया जाता है। जिसमे वेस्ट मैटेरियल जैसे गोबर कोकोपीट, नेचुरल फर्टिलाइजर के साथ मिक्स किया जाता है। जिसके बाद इसे दो हफ्ते के लिएं अलग रखा जाता है, जिसके बाद ये उपयोग किया जा सकता है।