भारत और अफ्रीका के बीच ‘आइडियाज 2022’ व्यापार समझौते के आधार पर नासिक जिले की चार कंपनियों को अफ्रीका में उद्योग स्थापित करने के लिए चुना गया है। महाराष्ट्र के नाशिक जिले की चार कंपनियां अफ्रीका में अपने व्यापर का विस्तार करेंगी।
अफ्रीकी देशों में कृषि क्षेत्र में भारतीय कृषि प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसी तर्ज पर नासिक में पूर्वा केमिकल्स, जीएनपी एग्रो, कृषिदूत, ड्रिपइंडिया और माइक्रो इरिगेशन सेक्टर को चुना गया है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम फॉर एशिया-अफ्रीका (WEFA) के सहयोग से, सौर ऊर्जा, चीनी उद्योग, कृषि इनपुट, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि वस्तु मूल्यवर्धन के क्षेत्र में किसान पृष्ठभूमि वाली छोटी कंपनियों का चयन किया गया है। इसके लिए ओप्रिस एग्रो टेक्नोलॉजीज संस्था ने समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है।
ओपेरिस के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय कृषि विज्ञानी आशीष वेले ने बताया कि अफ्रीका में कृषि क्षेत्र में तकनीक की कमी को पूरा करने के लिए जिले की विभिन्न कंपनियों का चयन किया गया है।
WEFA के उपाध्यक्ष, तापीवा माशेनजेरे, ने कहा कि पिछले आठ दिनों में उन्होंने भारतीय कंपनियों का दौरा किया। यहाँ की कृषि व्यवस्था की बारीकियों समझा। कंपनियों के चयन प्रक्रिया में बढ़ी कंपनियों को तरजीह न देते हुए शुन्य से खड़े हुई चार कंपनियों का चयन किया गया है। करीब 850 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
इन कंपनियोंको उद्योग के लिए जिम्बाब्वे, अफ्रीका में जगह दी जाएगी। निर्मित माल को स्थानीय बाजार में बिक्री के लिए एक स्थानीय कंपनी के साथ अनुबंधित किया जाएगा। तापीवा ने कहा कि अफ्रीकी सरकार सौर ऊर्जा परियोजना के सभी उत्पादों को स्वीकार करेगी। वर्त्तमान में चार कारखानों तक सिमित इस योजना के विस्तार कोशिश जारी है।