गर्मियों में कम समय में जल्दी उपज देने वाली बैंगन की खेती भी खूब की जाती है। ग्रीष्मकालीन बैंगन की फसल से किसान भी अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। ये बैंगन दिखने में लम्बे और खाने में स्वादिष्ट होतें हैं। इनमे बीज कम होतें हैं। अगर आप भी गर्मी में बैंगन की खेती करना चाहतें हैं तो इन टिप्स को जरूर आजमाएं।
बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त
ग्रीष्मकालीन बैंगन की खेती के लिए अच्छे जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। इसीलिए इसी मिट्टी में बैंगन की खेती करें तो आपको अधिक पैदावार मिलेगी।
किस किस्म के बैंगन की करें खेती
इसकी उच्च पैदावार देने वाली प्रजातियों में पूसा हाइब्रिड, पूसा हाइब्रिड-9, विजय हाइब्रिड, पूसा पर्पिल लौंग, पूसा क्लस्टर, पूसा क्रांति और पंत सम्राट आदि को शामिल किया जा सकता है।
पौधे स्वस्थ के लिए अच्छी खाद का इस्तेमाल
अच्छी पैदावार के लिए प्रति हेक्टेयर खेत तैयार करते समय 15-20 टन सड़ी गोबर की खाद और रोपाई से पहले 60:60 किलो (फॉस्फोरस और पोटाश) और फूल आने से पहले 150 किलो नाइट्रोजन की मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है। पेंडिमिथालिन या स्टांप नामक खरपतवार नाशी की 3 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बैंगन पौध रोपाई के पहले प्रयोग किया जा सकता है। इस दवा का प्रयोग करने से पौधे स्वस्थ रहेंगे और फल अधिक आएंगे।
23-30 डिग्री के बीच हो तो तापमान
जब तापमान 23-30 डिग्री के बीच हो तो बैंगन की बुवाई करें। इस तापमान पर बैंगन की अच्छी वृद्धि होती है। खेत के बदले गमले या नाद में बैंगन लगा रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि मिट्टी सही जगह से ली गई हो। वर्ना मिट्टी की खराबी पूरे पौधे को सड़ा सकती है। अगर नर्सरी से पौध खरीद रहे हैं स्वस्थ पौधों की ही खरीदें। ऐसे पौधे खरीदें जिनमें फूल नहीं आए हों। ऐसे पौधे अधिक फलन देते हैं। ऐसी जगह पर या ऐसे खेत में पौधे लगाएं जहां अच्छी धूप आती हो। घर के गमले में लगा रहे हैं तो वहां भी धूप आनी चाहिए, तभी अच्छी उपज मिलेगी।
कम खाद में अच्छा विकास
अच्छी बलुई या दोमट मिट्टी में बैंगन का बीज सही ढंग से उगता है, मिट्टी में जलनिकासी की व्यवस्था भी अच्छी होनी चाहिए। बीज के अच्छे विकास या जमने के लिए पीएच मान 5.8 और 6.5 के बीच होना जरूरी है। बैंगन के बीच या पौधे को बढ़ाने के लिए अधिक खाद का प्रयोग न करें। कम खाद में अच्छा विकास लिया जा सकता है।
अच्छे परागण के लिए धूप जरुरी
जब बैंगन की नर्सरी को खेत में या गमले में लगाएं तो एक इंच गहरे में ऑर्गेनिक खाद डाल दें। बुवाई से एक हफ्ते पहले यह खाद डाली जानी चाहिए। बैंगन में अच्छे परागण के लिए धूप की बहुत जरूरत होती है। इसलिए बैंगन का खेत या गमले को धूप के लिहाज से प्लान करें। बैंगन के पौध को कीटों से बचाना बहुत जरूरी होता है। इसलिए कीटनाशी दवाओं का प्रयोग जरूर करें। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें।