दिल्ली : मोदी सरकार ने अन्नदाताओं के हित को ध्यान में रखते हुए सहकारिता क्षेत्र में अनाज भण्डारण की योजना के लिए एक लाख करोड़ रूपये की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक में गोदाम बनाये जायेंगे। प्रत्येक गोदाम की छमता 2000 टन होगी। यह योजना किसानो के लिए एक नया सबेरा लेकर आएगी।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबनेट की मीटिंग के बाद बताया कि सहकारिता क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के लिए मंजूरी दे दी है।वर्तमान में कुल 1450 लाख टन की भंडारण क्षमता है और अब सहकारिता क्षेत्र में 700 लाख टन की भंडारण क्षमता की शुरुआत होगी। इस योजना पर लगभग एक लाख करोड़ रुपये का खर्च होगा। योजना का उद्देश्य देश में हो में हो रही अन्न की बर्बादी पर अंकुश लगाना है।
ब्लॉक में बनाये जायेंगे 2000 टन छमता के गोदाम
इस योजना के तहत देश के प्रत्येक ब्लॉक में 2000 टन छमता वाले गोदाम बनाये जायेंगे जिसमें किसान अन्न का भण्डारण कर सकेंगे। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि इस योजना से देश में अन्न कि बर्बादी पर अंकुश लगेगा और अनाज के आयात में कमी आएगी।
ग्रामीणों को मिलेंगे रोजगार के अवसर
इससे कृषि क्षेत्र में नौकरी के अवसर पैदा होंगे और किसान को अधिकतम आय की प्राप्ति में आसानी होगी।योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही ग्रामीणों को आजीविका के लिए नए विकल्प भी मिलेंगे।
बढ़ेगी देश कि अन्न भण्डारण छमता
वर्तमान में भारत की अन्न भंडारण क्षमता केवल 47% है। भारत विश्व के सबसे बड़े अन्न उत्पादक देशों में से एक है, लेकिन भंडारण क्षमता में दूसरे देशों के मुकाबले काफी पीछे है। चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस और अर्जेंटीना जैसे अन्य प्रमुख अन्न उत्पादक देशों के पास भंडारण क्षमता में वार्षिक उत्पादन से अधिक है।