मेघालय | उमियम (बारापानी) स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कैंपस में आज से पहला नॉर्थ ईस्ट एफपीओ कॉन्क्लेव और इनवेस्टर समिट की शुरुवात हो रही है। इस आयोजन में ऐसे लोगो को बुलाया गया है जिनके पास भूमि है लेकिन खेती करने का कोई आइडिया नहीं है और वे किसान भी आएंगे जिनके पास आइडिया है लेकिन वित्त की समस्या है। इस समिट में 21 कंपनियां और अधिकांश नॉर्थ ईस्ट फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) शामिल हो रहे हैं। साथ ही यहां मेघालय के स्थानीय किसानों की बड़ी संख्या भी उपस्थित होंगे जो कृषि उत्पादों पर काम करते हैं।
उमियम (बारापानी) में स्थित एकमात्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय नॉर्थ ईस्ट में कृषि क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए किसानों, बड़ी कंपनियों और स्टार्टअप्स के बीच मजबूत संबंध बनाने का प्रयास कर रहा है। इससे किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक और सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी इंफाल के वाइस चांसलर डॉ. अनुपम मिश्र सहित कई प्रमुख कृषि वैज्ञानिक भी शामिल होंगे।
इस प्रदर्शनी में भूत झोलकिया नामक मिर्च और इससे बने उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे तीखी मिर्च होती है। इस मिर्च को घोस्ट चिली और किंग चिली के नाम से भी जाना जाता है। असम नींबू, खासी संतरा, बड़ी इलायची, लकड़ूंग हल्दी, काली हल्दी, सफेद हल्दी और काली अदरक और उनसे बने उत्पाद भी प्रदर्शित किया जायेगा। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है कि कई औषधीय पौधों और उनके फलों के बारे में जानकारी दी जाएगी। यहां स्थानीय वाइन भी प्रदर्शित की जाएगी। साथ ही ब्लैक राईस ,जोहा चावल और सेंटेड चावल भी प्रदर्शनी में दिखाये जायेंगे। केले के कपड़े, मूंगा और असम सिल्क के उत्पाद बनाने वाले लोग भी प्रदर्शनी में दिखेंगे।