केन्द्र सरकार हल्दी की खेती पर खर्च करेगी 200 करोड़ रुपये, 400 फीसदी तक बढ़ेगा निर्यात

Turmeric price

तेलंगाना के निजामाबाद से भाजपा सांसद धर्मपुरी अरविंद ने सोमवार को कहा कि हल्दी किसानों और व्यापारियों की आय बढ़ेगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है। उनके मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हल्दी के निर्यात को 2030 तक 1,600 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6,400 करोड़ रुपये करने पर विचार कर रही है। यानी सीधे निर्यात में चार गुना वृद्धि होगी। बीजेपी सांसद ने कहा कि इससे किसानों को सीधा फायदा होगा। मांग बढ़ने से वे ज्यादा क्षेत्र में हल्दी की खेती करेंगे, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।

हल्दी, किसानों, व्यापारियों, कमीशन एजेंटों, खरीदारों और अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हल्दी का निर्यात 400 प्रतिशत तक बढ़ जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड इस सीजन से क्रियाशील हो जाएगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि बुनियादी ढांचे में सुधार हो। ताकि किसानों को बुवाई से लेकर उनकी उपज का निर्यात करने तक हर संभव मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के लिए आदर्श बुनियादी सुविधाएं बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बना रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि किसान हल्दी की खेती के लिए जैविक तरीके अपनाएं।

ये होगी हल्दी की कीमत

भाजपा सांसद धर्मपुरी अरविंद ने कहा कि इस साल से किसानों को निजामाबाद मार्केट यार्ड में उनकी उपज का न्यूनतम 10,000 से 1,350 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा। अगले सीजन से किसानों को 20,000 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे और आने वाले वर्षों में कीमत बढ़कर 25,000 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि लक्कमपल्ली और जिले के अन्य स्थानों पर छोटे उद्योग स्थापित करके व्यापारियों को भी निर्यातक बनना चाहिए।

ऐसे मिलेगी किसानों की मदद

उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार फसल बीमा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी केंद्रीय योजनाओं को लागू करके किसानों को पूर्ण समर्थन प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हल्दी की कीमतों में गिरावट की स्थिति में, राज्य सरकार को केंद्र सरकार के सहयोग से बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) को लागू करना चाहिए। इस अवसर पर निजामाबाद शहरी विधायक धनपाल सूर्यनारायण गुप्ता भी उपस्थित थे। आर्मूर के विधायक पी राकेश रेड्डी और भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश पटेल कुलचारी मौजूद थे।

30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं

आपको बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा मसालों की खेती भारत में की जाती है। तमिलनाडु, कर्नाटक, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, असम और मेघालय के किसान बड़े पैमाने पर हल्दी की खेती करते हैं। वर्ष 2022-23 में हल्दी का वैश्विक स्तर पर 11.61 लाख टन उत्पादन हुआ। इसमें अकेले भारत की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से अधिक थी।3.24 भारत में हल्दी की खेती लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती थी। भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं और यह देश के 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती है।

 

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