छत्तीसगढ़ के सौर सुजला योजना से सिंचाई में हुई बढ़ोतरी

रायपुर: जशपुर में सौर सुजला योजना के तहत अभी तक 11308 लाभार्थियों के खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पंप स्थापित किए गए हैं। यह योजना मुख्य रूप से उन सभी किसानों के लिए है जो जलस्रोतों के बावजूद भी खेतों की सिंचाई नहीं कर पाते हैं।

यह योजना किसानों के लिए वास्तव में सफल साबित हो रही है। किसान अब अपने खेतों तक पर्याप्त पानी पहुंचा रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप वे खेतों में पानी भी लगा रहे हैं और दो सीजन की फसलें भी उगा रहे हैं।  जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय भी 50 हजार रुपये प्रति एकड़ तक हो रही है।

इस योजना के तहत किसानों को 3 और 5 एचपी के सोलर सिस्टम सब्सिडी के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। कई किसान इसके अलावा मौसमी साग-सब्जी की खेती भी कर रहे हैं। इस योजना से गरीब किसानों को पानी की उपलब्धता मिलती है जिससे वे अपनी फसलों को सिंचा सकते हैं और अधिक उत्पादकता हासिल करके अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारते हैं। इससे वे बेहतर जीवन की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

ग्राम डूमरटोली में सौर सुजला योजना के अंतर्गत 05 एचपी क्षमता का सरफेस सोलर पंप स्थापित किया गया है। इससे किसान धान, गेहूं, उड़द, मूंगफली, गोभी, मिर्च, मटर और अन्य मौसमी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इससे प्रति वर्ष लगभग 50 हजार रुपए की आमदनी हो रही है। इसके अलावा, 11308 हितग्राहियों ने 4523.2 हेक्टेयर में सिंचाई कार्य किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1000 का लक्ष्य पूरा हुआ है और 815 हितग्राहियों के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके साथ-साथ गोठानों और चारागाहों में भी सौर सुजला योजना के तहत सोलर पंप स्थापित किया गया है और इससे पेयजल और चारा उत्पादन में मदद मिल रही है।

जब यह योजना पहले प्रारंभ हुई थी तब जिले के किसानों को इसके लाभ का अच्छी तरह से अनुभव नहीं हो रहा था। उनके खेतों में बिजली और सिंचाई की सुविधा नहीं थी। बिजली के आने पर उन्हें बिजली के बिलों की समस्या से जूझना पड़ता था और कई किसान बिल को देखकर खेती छोड़कर मजदूरी करने को मजबूर हो जाते थे। ऐसे किसानों के लिए सौर सुजला योजना एक वरदान साबित हो रही है।

जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में जैसे कि सन्ना, बगीचा मनोरा और फरसाबहार ब्लॉक, सौर सुजला योजना पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इन इलाकों में आज भी किसानों की स्थिति पिछड़ी हुई है और कई गांवों में अभी भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाई है। इसलिए क्रेडा विभाग इन तीन ब्लॉकों पर अधिक ध्यान दे रही है।

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