मानसून के सीजन में करें बासमती के किस्मों की खेती, होगा भरपूर उत्पादन

नई दिल्ली: देश में मानसून दस्तक दे चुका है ऐसे में कई राज्यों के किसान धान की खेती में जुट गए हैं। धान की खेती के लिए किसान भाई मानसून का बेसबरी से इंतज़ार करते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के किसान किसान बड़े पैमाने पर धान की खेती करते हैं और धान की विभिन्न प्रकार की किस्मों की खेती करते हैं। इनमे कई राज्यों के किसान बासमती चावल की भी खेती करते हैं। आज हम आपको वैज्ञानिकों द्वारा विकसित कुछ खास बासमती चावल की किस्मों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी खेती करके किसान भाई अधिक उत्पादन ले सकते हैं।

पूसा सुगंध- 5: यह एक उत्कृष्ट बासमती धान की विशेषता वाली किस्म है। कृषि वैज्ञानिकों ने इस किस्म को विकसित किया है। इसे कृषि वैज्ञानिकों ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के आदर्श जलवायु को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है। इस किस्म की खेती में अधिक उत्पादन होगा पूसा सुगंध-5 की बोने के 125 दिनों के बाद ही यह फसल पूरी तरह पक जाती है। इसकी खेती से एक हेक्टेयर में 60-70 क्विंटल तक उत्पादन होता है।

पूसा बासमती- 6: यह एक विशेष प्रकार की बासमती चावल की किस्म है। इस किस्म को पानी की अधिक मात्रा में जरूरत होती है। यह बासमती की सुगन्धित किस्मों में से एक है इसके दाने काफी सुगन्धित होते हैं। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसका उत्पादन 55 से 60 क्विंटल होता है।

पूसा बासमती- 1121: यह किस्म अधिक सिंचित वाले क्षेत्रों में विकसित होती है। ये किस्म लगभग 145 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके दाने बेहद सुगन्धित होते हैं। इसको खाने में एक अच्छा स्वाद आता है। इसकी उपज छमता एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में 45 टन है।

पूसा बासमती- 1: इस किस्म की खेती सिंचित क्षेत्रों में की जाती है। इसके पौधे की पत्तियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है जिससे यह हमें कई प्रकार की बिमारियों से बचाता है। इस किस्म की फसल 135 दिनों में तैयार हो जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *