चीनी उत्पादन में आई गिरावट, जानिए क्या है वजह

चीनी उत्पादन के चालू सत्र ( अक्टूबर 2022 से सितम्बर 2023) में 31 मई तक चीनी के उत्पादन में 8% गिरावट आई है। मई के महीने तक चीनी का उत्पादन 32.24 मिलियन टन हुआ है जबकि बीते साल यह 35.19 मिलियन टन था।

चीनी उद्योग के सूत्रों के हवाले से खबर है कि चालू चीनी सत्र (अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023) के दौरान 31 मई तक चीनी उत्पादन में 8% गिरकर 32.24 मिलियन टन हो गया है जो कि पिछले साल 35.19 मिलियन टन था। पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में कम से कम 20 चीनी मिलें बंद हो गई थी जिससे 31 मई तक चालू मिलों की संख्या 17 रह गई  है जिसमें तमिलनाडु की 10 मिलें भी शामिल हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान चालू कारख़ानों की संख्या 45 से अधिक थी।

यदि देश में चीनी उत्पादन के आकड़ों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में उत्पादन 3% बढ़ा है। पिछले वर्ष उत्तरप्रदेश में 10.2 मिलियन टन चीनी का उत्पादन हुआ था वर्तमान सत्र में 10.52 मिलियन टन हो गया है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी के उत्पादन में गिरावट आई है। आपको  बता दें भारत में चीनी उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र और कर्नाटक प्रमुख राज्य हैं।

बिहार में चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी

तमिलनाडु में सूत्रों के अनुसार 31 मई तक चीनी उत्पादन में 0.92 मिलियन टन से 1.17 मिलियन टन यानी 27.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं बिहार में चीनी उत्पादन में 0.46 मिलियन टन से 0.63 मिलियन टन यानी 37.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। अन्य राज्यों में जहां पिछले साल की तुलना में चीनी उत्पादन में वृद्धि हुई है उनमें हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं।

चीनी कंपनियों ने 32.8 मिलियन टन उत्पादन का लगाया अनुमान था

निजी चीनी कंपनियों के उद्योग निकाय, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) ने अप्रैल में चालू सीजन के लिए अपनी चीनी उत्पादन की अनुमानित संख्या को 34 मिलियन टन से 32.8 मिलियन टन में कम कर दिया था।

अभी तक 46.98 लाख हेक्टेयर गन्ने की बुवाई हुई है

देश में पिछले सत्र 2021-2022 में 35.76 मिलियन टन चीनी का उत्पादन हुआ था। कृषि मंत्रालय ने पिछले हफ्ते खरीफ फसलों के बुवाई क्षेत्र का पहला साप्ताहिक अपडेट जारी किया है लेकिन किसान मानसून के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस वर्ष गन्ने की बुवाई के प्रति रुचि अधिक है क्योंकि चीनी मिलों ने समय पर गन्ने की आपूर्ति के लिए बकाया चुकाया है। देश में अभी तक 46.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की बुवाई की जा चुकी है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 46.67 लाख हेक्टेयर था।

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