किसान आंदोलन के कारण मुर्गी की कीमतों में आयी तेजी, छह महीने से बाजार पड़ा था ठंडा

poultry farming in Bihar

दिल्ली में किसान आंदोलन का असर अब चिकन की कीमतों पर पड़ने लगा है। असल में ब्रॉयलर चिकन बाजार पिछले छह महीने से सुस्त था। थोक बाजार में चिकन का रेट 80 से 90 रुपये के बीच चल रहा था। चिकन की कीमत 100 और उससे आगे नहीं जा रही थी। लेकिन पिछले चार दिनों से दिल्ली-एनसीआर में चिकन के दाम में तेजी आई है। वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी को चिकन की कीमत 115-120 रुपये किलो तक पहुंच गई। फिर भी बाजार में चिकन की कीमत 100 के पार ही बनी हुई है। पोल्ट्री विशेषज्ञों की मानें तो इसके पीछे बड़ा कारण किसान आंदोलन है।

आंदोलन के चलते दिल्ली-हरियाणा के दो बॉर्डर पूरी तरह से सील कर दिए गए हैं। जिससे मुर्गियां दिल्ली-एनसीआर में प्रवेश नहीं कर पा रही हैं। यदि कुछ वाहन आ भी रहे हैं तो वे खूब घूम रहे हैं और दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं। जिससे उनका परिवहन खर्च बढ़ रहा है। जिसके कारण कारोबारी इससे बचना चाह रहा है।

चिकन हरियाणा के जींद से आता है

सोनीपत, पानीपत, करनाल, हिसार और रोहतक में भी बड़ी संख्या में ब्रायलर चिकन पोल्ट्री फार्म हैं। लेकिन जींद को पोल्ट्री फार्मों का बड़ा हब माना जाता है। यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर में हरियाणा से बड़ी संख्या में चिकन कार्ट आते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के बड़े बाजारों में से एक गाजीपुर चिकन मंडी में थोक की दुकान चलाने वाले हाजी जमील के मुताबिक इस मंडी में रोजाना करीब पांच लाख मुर्गियां बिकती हैं। लेकिन पिछले पांच-छह दिनों से किसान आंदोलन का असर चिकन मंडी पर दिखने लगा है। उन्होंने बताया कि इस बाजार से दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ आसपास के शहरों में भी चिकन की आपूर्ति की जाती है।

जानें कैसे बढ़ रहा है मुर्गियों का रेट

पानीपत के पोल्ट्री फीड और ब्रायलर चिकन के कारोबारी चरणजीत सिंह ने किसान को बताया कि सिंघु बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। जिसके कारण माल की सप्लाई नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर से आने वाले ऑर्डर रद्द किए जा रहे हैं। चिकन से लदे वाहन लोनी होते हुए दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं। इस वजह से परेशानी तो हो रही है। लेकिन साथ ही ट्रांसपोर्ट कॉस्ट भी बढ़ रहा है। उधर, थोक बाजार में 11 फरवरी के बाद से मुर्गियों के रेट पर नजर डालें तो 12 फरवरी को चिकन 104-106 रुपये प्रति किलो बिक रहा था तो हालात को देखते हुए 13 फरवरी को बाजार बंद करना पड़ा।

तीन दिन में बढ़ी कीमतें

14 फरवरी को चिकन की कीमत 115-120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। चिकिन कारोबारियों की मानें तो दिल्ली में अभी थोड़ा सा माल था, इसलिए इसी दाम में चिकिन बिक गया, लेकिन अगर आवाजाही खत्म नहीं हुई तो दिल्ली में सामान नहीं मिलेगा। ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि अब दो दिनों से चिकन 112 रुपये से 115 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रहा है। लेकिन कुछ सीमाओं की लगातार सील और बाकी सीमाओं पर ट्रैफिक जाम के कारण आने वाले कुछ दिनों में मुर्गियों की कमी हो सकती है।

 

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