दिल्ली : 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्व के मौके पर लाल किले से संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए यूरिया सब्सिडी (urea subsidy) के रूप में 10 लाख करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की | इसके प्रयोग से फसलों का उत्पादन बढ़ता है और अच्छी पैदावार होती है | जिसका लाभ किसानों को मिलता है |
पीएम मोदी ने बताया कि वैश्विक स्तर पर 3,000 रुपए प्रति बोरी कीमत वाली यूरिया, किसानों को 300 रुपए प्रति बोरी की सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए सरकार की ओर से यूरिया सब्सिडी (urea subsidy) के रूप में 10 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी पर काम हो रहा है तो दूसरी ओर जैविक खेती पर भी जोर दिया जा रहा है।
गौर करनेवाली बात यह है कि फसलों में यूरिया का प्रयोग सर्वाधिक होता है। यूरिया के प्रयोग से फसलों का उत्पादन बढ़ता है और अच्छी पैदावार होती है, ऐसे में किसान फसलों में यूरिया का व्यापक रूप से इस्तेमाल करते हैं। हालांकि यूरिया का अधिक प्रयोग भूमि की सेहत के लिए ठीक नहीं होता है। किसानों को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। किसानों को चाहिए कि वे सीमित मात्रा में ही यूरिया का इस्तेमाल करें ताकि फसलों के बेहतर उत्पादन के साथ ही भूमि की सेहत भी अच्छी बनी रहे।
किसानों को कैसे मिलेगा यूरिया पर सब्सिडी का लाभ :
सरकार की ओर से यूरिया पर दी जाने वाली सब्सिडी किसानों को सीधे नहीं दी जाती है। सरकार किसानों को सभी प्रकार के मुख्य खाद व उर्वरक पर सब्सिडी देती है, यह सब्सिडी सीधे उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को दी जाती है। इससे किसानों को जो उर्वरक बाजार में मिलता है, वह सरकारी सब्सिडी के बाद ही किसानों को मिलता है। यही कारण है कि वैश्विक स्तर पर 3000 रुपए प्रति बोरी मिलने वाला यूरिया देश के किसानों को मात्र करीब 300 रुपए में प्राप्त हो जाता है।