किसानों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान में केंद्र सरकार को विशेष सफलता मिली है। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनाने का लक्ष्य न केवल समय पर पूरा किया था, बल्कि उससे आगे 4.5 करोड़ से अधिक नए केसीसी को भी मंजूरी दी है। किसानों को खेती के लिए मामूली ब्याज पर सरकारी पैसा मिलेगा। सरकार सभी पात्र किसानों को केसीसी के तहत पैसा उपलब्ध कराना चाहती है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कोविड काल में 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का क्रेडिट कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य को सरकार ने 15 अक्टूबर 2021 को ही हासिल कर लिया था । इतना ही नहीं 3 नवंबर 2023 तक 451.98 लाख नए किसानों को कर्ज दिया गया। इन कार्ड्स की क्रेडिट लिमिट 5,51,101 करोड़ रुपये है। यानी केसीसी के नए लाभार्थी इतनी बड़ी राशि खेती में निवेश कर सकेंगे।
केसीसी को हर किसान तक पहुंचाने का लक्ष्य
सरकार केसीसी का कवरेज बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसलिए ‘घर-घर केसीसी’ अभियान चलाया जा रहा है। मंशा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सभी लाभार्थी केसीसी का लाभ उठाएं। इसलिए मौजूदा किसान क्रेडिट कार्ड खाताधारकों के डेटा को पीएम किसान डेटाबेस से वेरिफाई किया गया है। इसके जरिए वे किसान जो पीएम किसान हैं वो डेटाबेस से मेल खाते हैं और पीएम किसान योजना के लाभार्थी होने के बावजूद उन्हें केसीसी का लाभ नहीं मिल रहा है.
कृषि ऋण के लिए कितना पैसा
दरअसल, मोदी सरकार चाहती है कि हर पात्र किसान को क्रेडिट कार्ड का लाभ मिले, ताकि उसे खेती के लिए साहूकारों से कर्ज न लेना पड़े। इसलिए कृषि क्षेत्र में दी जाने वाली लोन की सीमा को हर साल बढ़ाया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में कृषि ऋण का बजट मात्र 7.3 रुपये था, जो 2022-23 में बढ़कर 21.55 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अगर आप समय पर केसीसी का पैसा लौटा देते हैं तो आपको इससे सस्ता लोन नहीं मिलेगा।
केवल 4 प्रतिशत ब्याज पर मिलता है लोन
केसीसी को किसानों को रियायती ब्याज दर पर अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से पेश किया गया था। इस योजना के तहत किसानों को खेती के लिए 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। इसके तहत खेती के लिए 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है. अगर आप समय पर लोन चुका रहे हैं तो 3 फीसदी प्रॉम्प्ट रीपेमेंट इंसेंटिव (पीआरआई) दिया जाता है। इस प्रकार, ब्याज की प्रभावी दर केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष है। पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए केसीसी के तहत 2 लाख रुपये का लोन मिलता है।