किसानों ने ऐलान किया है कि वे एक बार फिर दिल्ली जाएंगे। किसान 13 फरवरी को दिल्ली पहुंचेंगे और सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे। इस आंदोलन में देशभर के किसान जुटेंगे। किसानों का कहना है कि सरकार उनकी मांगें मान ले वरना वे अपना आंदोलन तेज करेंगे। किसानों की मुख्य मांगों में लखीमपुरी खीरी की घटना में न्याय, ऋण माफी और फसलों के लिए एमएसपी गारंटी प्रमुख हैं। किसानों की कई अन्य मांगें भी हैं जिन्हें लेकर वे दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।
किसान अभी से इस आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इसी सिलसिले में पंजाब और हरियाणा के किसान नेताओं ने मंगलवार को अमृतसर के जंडियाला में रैली की। कर्जमाफी, लखीमपुर खीरी न्याय के साथ कई मांगें जब किसानों ने अपनी मांगें पूरी नहीं कीं तो यह रैली हुई। इसके बाद 6 तारीख को बरनाला में महारैली का भी आयोजन किया गया है। अगर इसके बाद भी किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो जल्द ही दिल्ली में नया आंदोलन शुरू किया जाएगा।
पंजाब-हरियाणा में विरोध प्रदर्शन तेज
पंजाब और हरियाणा अभी भी किसान आंदोलन का गढ़ हैं। हरियाणा में भी इस साल चुनाव है, जिसे देखते हुए किसान अपनी मांगों को तेज कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के किसान भी लामबंद हो रहे हैं। पंजाब में गन्ना किसानों की मांग लगातार बनी हुई है। किसान चाहते हैं कि गन्ने का रेट बढ़ाया जाए। हालांकि सरकार ने इसे बढ़ाया है, लेकिन वे इससे ज्यादा की मांग कर रहे हैं। हरियाणा में भी ऐसी ही मांग है जिस पर किसान लामबंद हो रहे हैं।
किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि उनका कर्ज माफ किया जाए। किसान चाहते हैं कि सरकार कृषि के लिए जो भी ऋण लिया गया है, उसे माफ करे. इसमें राज्य सरकारों से लेकर केंद्र को मिलने वाला कर्ज भी शामिल है। ऐसे में दिल्ली कूच के दौरान किसानों की कर्ज माफी की मांग सबसे अहम रहने वाली है. फिर लखीमपुरी खीरी का मामला है जिसमें कई किसानों को एक कार ने कुचल दिया था। किसानों का कहना है कि इस घटना में भी उन्हें न्याय नहीं मिला है। किसान दिल्ली आंदोलन में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे।
ये हैं किसानों की बड़ी मांगें
किसानों की प्रमुख मांगों में से एक फसलों के एमएसपी की गारंटी देना है। किसान चाहते हैं कि सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे और इसके लिए संसद द्वारा कानून बनाया जाए। किसानों का कहना है कि इससे किसानों की निश्चित आय सुनिश्चित होगी। किसानों का कहना है कि व्यापारी उनकी उपज और उनकी मेहनत का ज्यादा फायदा उठाते हैं, जबकि उन्हें कभी-कभी लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार देखा गया कि टमाटर और प्याज के दाम आसमान पर चढ़ गए और कई बार तो ये इतने कम हो गए कि किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो गया। किसानों को इस तरह के नुकसान से उबारने के लिए एमएसपी की गारंटी की मांग की जा रही है।