लखनऊ: उत्तरप्रदेश में बढ़ते तापमान से मानव और पशु दोनों त्रस्त है। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में अभी गर्मी से कोई राहत मिलती हुई नहीं दिखाई दे रही है। हालाँकि लखनऊ, लखीमपुर, उन्नाव, कानपूर में 10 से 12 जून के बीच हल्की बारिश की आशंका जताई गई है।
हीट वेव से जन जीवन त्रस्त है। किसान मानसून का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं। केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है। आने वाले 48 घंटों के दौरान तमिलनाडु, कर्नाटक और दक्षिण पश्चिम इलाकों में भी मानसून की संभावना है। वहीं उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में हीटवेव चल रही है। उत्तर प्रदेश में दिनबदिन बढ़ते तापमान के कारण न केवल लोग बल्कि पशुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी तक राहत की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि पूर्वांचल क्षेत्र सहित कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, और लखीमपुर खीरी में 10 जून से 12 जून तक हल्की बारिश की संभावना है। यहां बारिश करने से लोगों को कुछ राहत मिल सकती है लेकिन अन्य इलाकों में तापमान में कोई भी कमी नहीं आएगी। मौसम विभाग के अनुसार 9 जून से 15 जून के बीच तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ने की आशंका है।
इन जिलों में होगी बारिश
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो प्रदेश के पूर्वांचल के कुछ जिले गोंडा, बस्ती, बहराइच , बलरामपुर व बनारस के अगल बगल के जिलों में 10 से 12 जून के बीच मौसम विभाग ने हल्की बारिश की आशंका जताई है। हालाँकि यह बारिश पूरे प्रदेश में नहीं होगी। पश्चिम उत्तर प्रदेश में हीटवेव से किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं मिलेगी।
पश्चिम उत्तर प्रदेश के तापमान में होगी वृद्धि
वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश पूरी तरह से एक हीटवेव की चपेट में है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगामी 15 जून तक हीटवेव का रुख बना रहने की संभावना है जैसा कि मौसम विभाग ने दर्शाया है। अनुमानित रूप से मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में जहां 10 जून से 12 जून के बीच में मौसम में कुछ बदलाव हो सकता है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान में लगभग 2 डिग्री तक की वृद्धि की संभावना है। इससे हीटवेव की स्थिति और भी अधिक गंभीर होगी।
धान की खेती होगी प्रभावित
हीटवेव का प्रभाव सीधा खरीफ की फसलों की बुवाई और पड़ेगा। प्रदेश के किसानों ने धान की नर्सरी को तैयार कर लिया है। हीटवेव के चलते उन्हें अधिक मात्रा में पानी देना पड़ रहा है। कई किसानों की नर्सरी अधिक हीटवेव के कारण सूख गई हैं। हीटवेव के चलते किसानों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।