देश की आम जनता को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकारी ने राहत दी है। जिसके बाद रोटी अब सस्ती हो सकती है। असल में केंद्र सरकार ने बढ़ते आटे की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कमर कस ली है और सरकार ने बुधवार को ई-नीलामी के जरिए खुले बाजार में 2.84 लाख टन गेहूं बाजार में उतारा है। सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से खुदरा बाजार में गेहूं की आवक बढ़ेगी, जिससे आटे के दाम में गिरावट आ सकती है। खास बात यह है कि केंद्र ने 28 जून से अब तक 42 फीसदी सरकारी स्टॉक इकट्ठा किया है। सरकार पहले ही ई-नीलामी के माध्यम से 100,000 टन गेहूं बेच चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की मदद से गेहूं बेच रही है। इस बार ई-नीलामी के दौरान बोलीदाताओं ने 2128 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं की बोली लगाई, जो लगभग पिछले एक सप्ताह के रेट के बराबर है। लेकिन, गेहूं का औसत बिक्री मूल्य 2279 रुपये प्रति क्विंटल था। एक अधिकारी ने बताया कि पिछली गेहूं नीलामी में 2420 बोलीदाताओं ने हिस्सा लिया था और व्यापारियों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया था। दरअसल, एफसीआई चाहता है कि ई-नीलामी के जरिए सिर्फ प्रोसेसर को ही गेहूं मिले, ताकि आटा, मैदा और सूजी की कीमतें नियंत्रण में रहें।,
गेहूं की औसत कीमतों में वृद्धि
गेहूं की ई-नीलामी भी 15 नवंबर को हुई थी। इस दौरान गेहूं का औसत बिक्री मूल्य 2,251.79 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2,233.61 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। तथापि, पिछले दो दौर की नीलामी के दौरान गेहूं के औसत मूल्य में वृद्धि हुई है। वहीं, सरकार ने अगले रबी विपणन सत्र 2023-24 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपये से बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
व्यापारियों को नीलामी से किया है बाहर
एक आटा मिल मालिक ने कहा कि 31 मार्च तक एफसीआई 48-50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेच सकता है। जिसके कारण आटे की कीमत पर कंट्रोल हो सकता है। इससे अगले साल 31 मार्च तक करीब 90 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचा जा सकेगा। हालांकि, सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। जबकि केवल प्रोसेसर को भाग लेने की अनुमति देकर व्यापारियों को नीलामी से बाहर कर दिया गया है।
2.28 लाख टन गेहूं का आवंटन किया गया
सरकार ने सफल बोलीदाताओं को रिलीज ऑर्डर जारी करने से पहले पिछले तीन महीनों के प्रसंस्करण संयंत्र/इकाई के बिजली बिलों का सत्यापन भी शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि यह मुख्य रूप से व्यापारियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नीलामी से बाहर रखने के लिए किया जाता है।
27.50 रुपये प्रति किलोग्राम में मिलेगा भारत ब्रांड आटा
इसके अलावा, अनाज को आटे में बदलने और ‘भारत आटा’ ब्रांड के तहत जनता को बेचने के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा जाएगा। इसके लिए सहकारी संगठनों, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नेफेड को रियायती दरों पर 2.28 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है।