प्राकृतिक गुणों से भरपूर किशमिश बड़ों से लेकर बच्चों की अच्छी सेहत के लिए लाभप्रद हैं। बच्चों में कब्ज के इलाज के लिए किशमिश सबसे पुराने घरेलू उपचारों में से एक है। किशमिश मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होती है। किशमिश में मौजूद आयरन एनीमिया के इलाज में कारगर है। इन्ही विशेषताओं को के कारण इसे जल्द ही स्कूली बच्चों के मिड डे मिल में शामिल किया जायगा। महाराष्ट्र सरकार के प्राथमिक शिक्षा विभाग निदेशालय ने स्कूली पोषण में किशमिश को शामिल करने के संबंध में एक आदेश जारी किया है। शिक्षा निदेशक शरद गोसावी ने राज्य के सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे अपने आहार में किशमिश को शामिल करें। इससे राज्य में किशमिश का उत्पादन भी बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत छात्रों के लिए पूरक भोजन
स्वाभिमानी किसान संघ, अंगूर उत्पादक संघ, व्यापारियों और विभिन्न संगठनों ने शलेश आहार में किशमिश को शामिल करने की मांग की थी। इसके बाद अगस्त 2023 में, राज्य सरकार ने स्कूली पोषण में किशमिश को शामिल करने का निर्णय लिया था। इसी तर्ज पर 12 फरवरी को प्राथमिक शिक्षा विभाग निदेशालय ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत छात्रों के लिए पूरक भोजन में किशमिश को शामिल करने के संबंध में एक आदेश पारित किया। असल में 2011 से सप्ताह में एक बार पूरक आहार के रूप में फल, सोया बिस्कुट, दूध, चना, राजगिरा के लड्डू, गुड़, मूंगफली, चूरमुरे दिये जाते हैं।
बच्चों के लिए सुपरफूड है किशमिश काली,भूरी,सुनहरी रंग की किशमिश पोषण का एक बड़ा स्रोत हैं। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, ऊर्जा, आयरन, फाइबर, पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण किशमिश को बच्चों के लिए सुपरफूड माना जाता है।
मिड डे मिल से राज्य में किशमिश का बढ़ेगा बाजार
अब इसके साथ सप्ताह में एक दिन मिड डे मिल में किशमिश देने का निर्देश दिया गया है। राज्य में लगभग डेढ़ लाख टन किशमिश का उत्पादन होता है। किशमिश को भौगोलिक मानांकन प्राप्त है । इससे इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग आसान हो जाएगी। स्कूली पोषण में किशमिश को शामिल करने से किशमिश के लिए एक बड़ा बाजार उपलब्ध हो गया है जिससे इसके प्रोडक्शन में वृध्दि होगी।