इस बार अंतरिम बजट में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने आम लोगों को राहत नहीं दी है। असल में मध्यम वर्ग हमेशा बजट में आयकर छूट में बढ़ोतरी की उम्मीद करता है। इसलिए इस बार भी उम्मीद जगी थी। लेकिन इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया है।दरअसल, कुछ महीनों बाद देश में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। लोगों को उम्मीद थी कि पिछले अंतरिम बजट यानी 2019 की तरह ही लोगों को इनकम टैक्स में कुछ राहत मिलेगी, लेकिन निराशा जरूर हाथ लगी है।
2019 के अंतरिम बजट में वेतनभोगियों को मिलने वाले इनकम टैक्स पर स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000, रुपये करने का ऐलान किया गया था। ,लेकिन इस बार सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है। हालांकि इस बजट में सरकार ने बकाया डायरेक्ट टैक्स डिमांड में छूट देने का ऐलान किया है। वित्त वर्ष 2010 तक के बकाये में 25,000 रुपये की छूट की घोषणा की गई है। वित्तीय वर्ष 2011 से वित्तीय वर्ष 2015 के लिए, 10,000 रुपये तक की छूट की घोषणा की गई है। सरकार के मुताबिक इससे एक करोड़ करदाताओं को फायदा होगा। इससे पहले पिछले साल बजट के दौरान निर्मला सीतारमण ने संशोधित नया टैक्स स्लैब पेश किया था। इसके अलावा आयकरदाताओं के लिए वैकल्पिक पुराना टेक स्लैब भी होगा। आइए जानते हैं अब टैक्स स्लैब क्या है।
नया टैक्स स्लैब है-
0 से 3 लाख तक शून्य प्रतिशत
3 से 6 लाख पर 5%
6 से 9 लाख पर 10%
9 से 12 लाख पर 15%
12 से 15 लाख पर 20%
15 लाख से अधिक पर 30%
पुरानी कर व्यवस्था
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख- 20%
10 लाख से अधिक- 30%
पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है, जिसमें आयकर कानून की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट भी मिलती है। यानी इस टैक्स स्लैब में करदाता को 6.50 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। पुराने टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। ढाई लाख से पांच लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है। लेकिन सरकार इस पर 12,500 की छूट देती है। सीधा सा गणित है कि पुराने टैक्स स्लैब में आपको 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं देना होता है ।
मिलेगा 50,000 रुपये तक की स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ
अगर इनकम टैक्स के नियमों की बात करें तो उसके मुताबिक अगर आपकी सालाना आय 5 लाख तक है तो आपका टैक्स 12,500 रुपये हो जाता है, लेकिन सेक्शन 87ए के तहत छूट मिलने से 5 लाख स्लैब में इनकम टैक्स पेमेंट की क्लेम जीरो हो जाता है। इसके अलावा नई और पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्थाओं में 50,000 रुपये तक की स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया गया है।