चुनाव से पहले महिला किसानों के लिए दोगुनी हो सकती है पीएम किसान सम्मान निधि

Wheat Production

पीएम किसान सम्मान के तहत मोदी सरकार छोटे और सीमांत किसानों को 2000 रुपये की 3 किस्तों में कुल 6 हजार रुपये सालाना देती है। सरकार ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले 01 फरवरी को अंतरिम बजट में इस योजना को लागू करने का प्रावधान किया था। इसके तहत छोटे किसानों को फसल लागत में सहायता प्रदान करने के लिए सरकार रबी को सहायता प्रदान करेगी, खरीफ और जायद सीजन के लिए 2,000 रुपये ये डीबीटी के माध्यम से दिए जाते हैं। हाल ही में संपन्न हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों के कल्याण से जुड़े भाजपा के चुनावी वादों पर जनता ने भरोसा जताया और पार्टी को अप्रत्याशित जीत दिलाई। इसमें मप्र के चुनाव में महिलाओं का भारी समर्थन पाने में लाड़ली बहना और लाड़ली लक्ष्मी योजना की सफलता से सबक लेते हुए अब केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। सरकार महिला किसानों की सम्मान निधि को दोगुना करने की दिशा में आगे बढ़ रही है ताकि उनका एकमुश्त सहयोग मिल सके।

बजट में हो सकता है ऐलान

कृषि मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पीएम किसान सम्मान योजना को नए रूप में लागू करने की तैयारी चल रही है। इसके तहत महिला किसानों की सम्मान निधि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये सालाना किया जा सकता है। 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है।

माना जा रहा है कि कृषि मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। सभी राज्यों से भूमि धारक महिला किसानों का विवरण भी मांगा गया है। इसके विश्लेषण से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ सहित अन्य पहलुओं पर विचार किया गया है। हालांकि मंत्रालय की ओर से फिलहाल इस योजना के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

12 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की 1.40 अरब आबादी में किसानों की संख्या करीब 26 करोड़ है । सरकार का मानना है कि यह सिर्फ किसानों की संख्या नहीं है, बल्कि अगर किसानों से जुड़े परिवार के लिहाज से देखा जाए तो देश में 26 करोड़ किसान परिवार हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि एक परिवार में कम से कम 3 या 4 लोग होते हैं । इस तरह भाजपा सरकार केवल किसान है। यह उन्हें लक्षित करके एक बड़े मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है।

सरकार के अपने आंकड़े बताते हैं कि 26 करोड़ किसान परिवारों में लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं हैं। इनमें से केवल 13 प्रतिशत कृषि भूमि है, जिसका अर्थ है कि केवल 13 प्रतिशत महिला किसानों के पास भूमि है। एक अनुमान के मुताबिक अगर महिला किसानों की सम्मान निधि दोगुनी हो जाती है तो केंद्र सरकार के खजाने पर 12 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जबकि केंद्र सरकार का कुल अनुमानित बजट करीब 550 अरब डॉलर है। इस लिहाज से 12,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बजट की सेहत पर ज्यादा असर नहीं डालेगा।

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