प्याज के किसानों को नहीं मिला मन चाहा दाम तो रुक गई नीलामी ….

Onion prices

मुंबई : आम लोगों के लिए टमाटर के बाद अब प्याज चर्चा का विषय बन गया है | इन दोनों के बगैर थाली की शोभा नहीं बढ़ती | दरअसल नाशिक के लासलगांव, पिंपलगांव और चंदवाड़सहित अन्य सहकारीकृषि मंडियों में प्याज की कम कीमत मिलने से नाराज किसान सड़क पर उतर आये | सुबह के समय कृषि उपज बाजार समिति (कृषि मंडी) में नीलामी शुरू हुई थी लेकिन प्याज की कीमत कम मिलने से नाराज किसानों ने नीलामी रोक दी।

वहीं, दूसरी तरफ 500 ​​से अधिक किसानों ने 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए मुंबई-आगरा हाईवे को बाधित कर दिया | आंदोलन कर रहे कुछ किसानों के आंखों में आंसू नजर आए। केंद्र सरकार ने नाफेड और एनसीसीएफ के जरिए प्रति क्विंटल 2410 रुपए के दर पर प्याज खरीदने की घोषणा की है। लेकिन सहकारी कृषि मंडियों में 1200 रुपए से लेकर 2000 हजार रुपए तक प्याज की कीमत मिल रही थी। इससे किसानों ने नाराजगी जताते हुए प्याज की नीलामी रोक दी ।

किसानों का कहना था कि नाफेड का खरीद केंद्र भी कृषि मंडियों के परिसर में शुरू होना चाहिए। इससे किसानों को प्याज बेचने में आसानी होगी। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि नाशिक के लासलगांव कृषि मंडी में प्याज की न्यूनतम कीमत प्रति क्विंटल 600 रुपए और अधिकतम कीमत 2500 रुपए दी गई है। जबकि चंदवाड़ कृषि मंडी में किसानों को प्रति क्विंटल प्याज के लिए 1700 से 1800 रुपए दिए गए हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए 19 अगस्त को प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लागू करने का फैसला लिया था। लेकिन किसानों और विपक्ष के भारी विरोध के बाद केंद्र सरकार ने राज्य में नाफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने का फैसला लिया है। यह पहला मौका है जब प्याज पर निर्यात शुल्क लगाया गया है। इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया।

भारतीय प्याज के शीर्ष तीन आयातक देशों में बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं। जनशक्ति पार्टी के प्रमुख तथा विधायक बच्चू कडू ने कहा कि प्याज खानों वालों ने दिल्ली की सरकार को गिरा दिया था। लेकिन आने वाले समय में प्याज उत्पादन करने वाले किसान भी सरकार गिरा सकते हैं। केंद्र सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

नाफेड से खरीद केंद्र को बढ़ाने की मांग की 
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, ने कहा कि अभी तक नाफेड ने 500 मीट्रिक टन प्याज खरीदा है। किसानों के पास उपलब्ध प्याज को देखते हुए नाफेड के खरीद केंद्रों को बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार से की गई है। इसके लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयुष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है।

चीनी के निर्यात पर भी लग सकता है प्रतिबन्ध
राष्टवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि प्याज के निर्यात पर लगाया गया 40 % शुल्क हटाया जाना चाहिए | उन्होंने दावा किया है कि प्याज के बाद सरकार चीनी के निर्यात पर भी प्रतिबन्ध लगा सकती है |

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