हिमाचल में सूखे की गंभीर स्थिति, किसान परेशान, पिछले 20 साल का रिकॉर्ड टूटा

Severe drought situation in Himachal

हिमाचल प्रदेश के किसानों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल, बारिश न होने से किसान और बागवान काफी परेशान हैं। यह समय पहाड़ों में रबी फसलों की सिंचाई का है, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण भयंकर सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बारिश न होने का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले 20 सालों में यह सबसे खराब स्थिति है। सूखे की मार पिछले 20 साल में पड़ी है इसने सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बारिश न होने से किसानों और बागवानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। हिमाचल के निचले इलाकों में जहां किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं, वहीं ऊपरी इलाकों में बर्फबारी न होने से बागवानों को निराशा हाथ लगी है।

मौसम के मिजाज की बात करें तो पिछले तीन महीने से हालात बेहद खराब बने हुए हैं। नवंबर और दिसंबर के महीनों में शायद ही बारिश हुई थी और जनवरी में बारिश की उम्मीद कम है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री अधिक है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ऐसा हो रहा है। इससे पहले 2007 में ऐसा हुआ था जब जनवरी में शायद ही बारिश हुई हो। अब यह फिर से हो रहा है।

बारिश न होने से किसान और बागवान परेशान

मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि अगर जनवरी में बारिश नहीं होती है तो यह किसानों के लिए खतरे की घंटी होगी। क्योंकि, इससे उनकी पैदावार प्रभावित होगी। पर्याप्त बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं। विशेष रूप से, ऊपरी क्षेत्रों में बागवान अधिक चिंतित दिखाई देते हैं। बर्फबारी न होने से उन्हें अपनी सेब की फसल की चिंता सता रही है। दरअसल, सेब के लिए बर्फबारी बहुत जरूरी होती है। सेब के पेड़ों को ठीक से बढ़ने के लिए बर्फबारी से मिलने वाली ठंड और पानी की आवश्यकता होती है। ऐसा करने में विफलता पेड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। किसानों को उम्मीद है कि जल्द ही बारिश या बर्फबारी होगी। हालांकि मौसम का मिजाज कुछ और ही बयां कर रहा है।

बर्फबारी के लिए करना होगा इंतजार

मौसम विभाग के अनुसार किसानों और बागवानों को बारिश और बर्फबारी के लिए अभी इंतजार करना होगा। इस महीने पूरे जनवरी तक कोई बड़ा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना नहीं है। इसलिए हमें बारिश और बर्फबारी के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। हालांकि 9 और 10 जनवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, लेकिन इसका असर ऊंचाई वाले इलाकों में ही देखने को मिलेगा। जहां, हल्की बर्फबारी की उम्मीद है, जबकि मध्य और निचले इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है।

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