एसकेएम ने केंद्रीय मंत्री और सांसदों के खिलाफ बनाई रणनीति, केन्द्र सरकार को घेरने का किया ऐलान

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने देश भर के किसानों से अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। इसके लिए उन्हें भाजपा और राजग के मंत्रियों और सांसदों को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। गौरतलब है कि एसकेएम के आह्वान से पहले भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां) के नेतृत्व में किसानों ने पंजाब में भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं के आवासों के बाहर धरना देना शुरू कर दिया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ और वरिष्ठ नेता केवल सिंह ढिल्लों के घरों के बाहर धरना दे रहे हैं।

दरअसल, एसकेएम का कहना है कि केंद्र सरकार को एमएसपी की कानूनी गारंटी और व्यापक कर्ज माफी के साथ MSP@C2+50 फीसदी समझौते को लागू करना चाहिए। लेकिन सरकार किसानों की नहीं सुन रही है। इसके अलावा किसानों की मांग है कि कृषि का निजीकरण नहीं होना चाहिए, लखीमपुर खीरी में किसान नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता अजय मिश्रा टेनी को मंत्री के पद से हटाना चाहिए और उन पर मुकदमा चलाना चाहिए। एसकेएम ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच, विभिन्न जन संगठनों से एकजुटता बढ़ाने और केंद्र सरकार के किसान विरोधी, अलोकतांत्रिक, दमनकारी और तानाशाही रवैये को बेनकाब करने की अपील की है।

इलेक्टोरल बॉन्ड पर एसकेएम का रूख

एसकेएम ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से भ्रष्टाचार को वैध बनाने और पार्टी फंड के रूप में हजारों करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए मोदी सरकार की कड़ी निंदा की है। एसकेएम ने इसे रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। एसकेएम ने कॉरपोरेट समर्थक कृषि कानूनों, श्रम संहिताओं, बिजली अधिनियम संशोधन और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में धांधली का आरोप लगाया, जिसमें बीमा कंपनियों ने किसानों की कीमत पर 57,000 करोड़ रुपये से अधिक कमाए हैं।

जानिए क्या है एसकेएम की मांग

एसकेएम का आरोप है कि भाजपा ने भ्रष्टाचार को वैध बनाकर हजारों करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसका इस्तेमाल लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को गिराने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर प्रचार के माध्यम से चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया गया था, जिसकी बराबरी करना किसी अन्य राजनीतिक दल के लिए असंभव था। एसकेएम को उम्मीद है कि यह फैसला ईवीएम को फुलप्रूफ मैकेनिज्म बनाकर संदेह को दूर करने का एक उपकरण साबित होगा। इससे आंदोलन को भी बढ़ावा मिलेगा। चुनावी फंडिंग के साथ-साथ यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा भी है, जो चुनाव और शासन की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए मायने रखता है.

22 फरवरी को होगी बैठक

एसकेएम ने मांग की है कि भाजपा और अन्य दलों को मिले चंदे की सूची और उन्हें मिले धन को सार्वजनिक कर वसूला जाए। एसकेएम एनसीसी की बैठक 22 फरवरी 2024 को दोपहर 2 बजे होगी। साथ ही 22 फरवरी 2024 को सुबह 10.30 बजे नई दिल्ली में जनरल बॉडी की बैठक होगी। इस दौरान स्थिति की समीक्षा की जाएगी और चल रहे संघर्षों को तेज करने के लिए भविष्य की कार्य योजनाओं का निर्णय लिया जाएगा।

 

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