सोया मिल्क और सोया पनीर के हैं अद्भुत फायदे, बढ़ने लगी हैं मांग

पनीर से तो लगभग सभी लोग परिचित हैं, लेकिन पनीर की तरह दिखने वाले ‘टोफू’ के बारे में कम ही लोग जानते होंगे। टोफू को पौष्टिक तत्वों का अच्छा स्रोत माना जाता है, शहरी बाजार में सोयाबीन दूध और टोफू की अच्छी मांग है। सोयाबीन से प्राप्त प्रोटीन की मात्रा दालों, मूंगफली, मांस, मछली से दोगुनी,अंडे से तीन गुना और दूध से दस गुना होती है। अतः सोयाबीन से विभिन्न प्रक्रियाओं के उत्पादन एवं विक्रय की अपार सम्भावनाएँ हैं।

टोफू सोया दूध से बना पदार्थ है। इसे बिल्कुल पनीर की तरह ही बनाया जाता है, फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें सोया मिल्क का इस्तेमाल किया जाता है। एक किलोग्राम सोयाबीन से साढ़े सात लीटर दूध या पौने दो किलो पनीर (टोफू) बनता है। यह पनीर के समान दिखता है और इसे टोफू पनीर या सोया पनीर भी कहा जा सकता है।

दिल के लिए टोफू के फायदे

टोफू के सेवन से हृदय रोग का खतरा भी कम हो जाता है। जो पुरुष और महिलाएं सप्ताह में एक बार टोफू का सेवन करते हैं, उनमें हृदय रोग का खतरा उन लोगों की तुलना में कम होता है, जो सप्ताह में केवल एक बार टोफू का सेवन करते हैं। टोफू में मौजूद यौगिक हृदय रोग के खतरे को कम करने में सहायक हो सकते हैं। हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए आप सप्ताह में कम से कम एक बार टोफू को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

किडनी के लिए टोफू

टोफू किडनी के लिए फायदेमंद है। क्योंकि सोया प्रोटीन अन्य उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की तुलना में किडनी पर कम दबाव डालता है। इससे मधुमेह के कारण होने वाली किडनी संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। किडनी की समस्या से पीड़ित लोग टोफू को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

सोयाबीन को उबलते पानी में ब्लांच करने की प्रक्रिया

यदि आहार में सोयाबीन का उपयोग बिना प्रसंस्करण के किया जाए तो लंबे समय के बाद किडनी, पाचन तंत्र, लीवर, रक्त शर्करा आदि विकार उत्पन्न हो जाते हैं। सोयाबीन को साफ करके सूखा लें। सोयाबीन को छीलकर छिलका हटा दीजिये। एक किलोग्राम सोया दाल के लिए तीन लीटर पानी लें और उबालने के बाद इसमें सोया दाल डालें और इसे 25 मिनट तक उबालें। सोया दाल को उबलते पानी से निकाल कर तेज धूप में सुखा लीजिये और तैयार सोयाबीन का उपयोग आटा, सब्जी बनाने में किया जा सकता है।

सोया दूध बनाने की प्रक्रिया

सोयाबीन की दाल बनाकर उसका छिलका अलग कर लीजिये। इस दाल को साफ पानी से धोकर 6 से 8 घंटे के लिए तीन पट पानी में भिगो दें। लेकिन गर्मियों में इन्हें केवल 3 से 4 घंटे तक भिगोकर रखें। दालों को धो लें और 1 किलो सोया दाल के लिए 6 से 8 लीटर उबलता पानी लें और उसे मिक्सर में मोटा मोटा पीस लें। पिसे हुए मिश्रण को लगातार चलाते हुए 15 से 20 मिनट तक उबालें। फिर इस दूध को मलमल के कपड़े से छान लें और इसके बाद चोथा को अलग करें। अंत में छने हुए दूध को पांच मिनट तक उबालें। सोया मिल्क इस तरह घर पर तैयार किया जा सकता है।

सोया पनीर (टोफू) कैसे बनाये

सोया दूध को एक उबाल आने दें । फिर 2 ग्राम साइट्रिक एसिड को पानी में घोलकर एक लीटर सोया दूध में मिला दें। सोया मिल्क को धीरे-धीरे चलाते हुए 5 मिनट के लिए रख दें। कुछ ही देर में दूध फट जायेगा। फटे हुए दूध को मलमल के कपड़े में छान लें और पानी अलग कर लें। पनीर को मलमल के कपड़े में रखकर निचोड़ ले । इसमें से सारा पानी निकाल दीजिये। सोया पनीर (टोफू) इस प्रकार तैयार किया जाता है। अंत में इस पनीर को ठंडे पानी में 5 से 10 मिनट के लिए रख दें। फिर इसे पैक करके फ्रिज में रख दें।

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