Strawberry Farming in Nashik : अधिक मुनाफे के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती में रूचि ले रहे हैं किसान

नाशिक : अंगूर की खेती के लिए मशहूर नाशिक अब स्ट्रॉबेरी के लिए भी जाना जायेगा। यहाँ के आदिवासी इलाके में स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है। स्ट्रॉबेरी की खेती से यहां की आदिवासी बेल्ट में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। वहीं स्ट्रॉबेरी की खेती में किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है। जिसके कारण वह इसकी खेती कर रहे हैं। वहीं इसकी खेती के कारण आदिवासी समुदाय के युवाओं को मिल रहा है। खास बात ये है कि इस इलाके में लगातार स्ट्रॉबेरी की खेती के रकबे में इजाफा हो रहा है।

युवाओंको रोजगार की नई संधि

नासिक जिला आमतौर पर अंगूर एवं किशमिश उत्पादक जिला है। यहां अंगूर का प्रसंस्करण करने वाले छोटे और बड़े उद्योग हैं। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होता है। लेकिन इस जिले में कुछ आदिवासी तालुका हैं और यहां रोजगार की कई समस्याएं हैं। इस बीच, इस आदिवासी तालुका में लाल और स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है। जिससे यहां के आदिवासी समुदाय के युवाओं की रोजगार की समस्या हल हो रही है और रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं। इस इलाके लोग भी इसकी खेती कर रहे हैं। क्योकि अंगूर की तुलना में स्ट्रॉबेरी की खेती में किसानों को ज्यादा लाभ मिल रहा है।

अनुकूल वातावरण में फलफूल रही है स्ट्रॉबेरी

नाशिक की ठंड स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा, पेठ, कलवान, सुरगाना, नानाशी घाट और सपुत्रा, सप्तश्रृंगी घाट के पास के कुछ क्षेत्रों की लाल मिट्टी स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अच्छी है। डिडोरी तालुका के कुछ हिस्सों में स्ट्रॉबेरी की फसल के लिए वातावरण और अच्छी मिट्टी होने के कारण यहां स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है। मौसम अच्छा होने से स्ट्रॉबेरी की फसल अच्छी हो रही है। यहां के तालुका में अभी भी ठंड है। यह वातावरण स्ट्रॉबेरी की फसल के लिए अनुकूल है। इससे यहां के किसानों को अच्छा मुनाफा भी हो रहा है। सुरगाना और कलवन तालुका के किसान अपना माल बिक्री के लिए मुंबई, गुजरात और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में भेज रहे हैं। कुछ किसानों ने तालुका में वाणी, सापुतारा सहित विभिन्न धार्मिक स्थानों के पास स्ट्रॉबेरी के स्टॉल लगाए हैं।

बेहतरीन मौसम के कारण बढ़ा स्ट्रॉबेरी का क्षेत्रफल 

उपयुक्त वातावरण और पौष्टिक मिट्टी के कारण स्ट्रॉबेरी की फसल वर्तमान में कलवान, सुरगना, पेठ आदि में उगाई जा रही है। डिडोरी तालुका के कुछ हिस्सों में स्ट्रॉबेरी की फसल के लिए उपयुक्त भूमि होने के कारण स्ट्रॉबेरी का क्षेत्रफल बढ़ गया है। यहां के किसान अच्छी कमाई के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती का रुख कर रहे है। बताया जा रहा है कि अंगूर की तुलना में स्ट्रॉबेरी की खेती में मुनाफा ज्यादा है।

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