देश की तरक्की में जितना योगदान पुरुषों का है उतना ही महिलाओं का भी है। इस बात को नाकारा नहीं जा सकता की आज हर सेक्टर में महिलाएं खुद की कैपेबिलिटी साबित कर चुकी हैं। भारत में हाल ही में हुए एक सर्वे में यह जानकारी सामने आयी है कि देश में 63 प्रतिशत महिलाएं अपना खुद का व्यवसाय शुरू करके आत्मनिर्भर बनना चाहती है। पेनियरबाय फिनटेक कंपनी ने देश भर में 5000 महिलाओं के वित्तीय लेनदेन की निगरानी करके महिला वित्तीय सूचकांक रिपोर्ट बनाई है। इस रिपोर्ट द्वारा यह बताया गया है कि किस क्षेत्र में कितनी महिला कार्यरत है जो व्यवसाय कर रही है।
पेनियरबाय फिनटेक कंपनी का सर्वे
इस सर्वे के मुताबिक, 55 फीसदी महिलाएं वित्तीय मामलों से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं में आगे बढ़ रही है। वही,68 प्रतिशत महिलाओं ने चिकित्सा खर्च, घरेलू रखरखाव और बच्चों की शिक्षा या कृषि आवश्यकताओं के लिए किफायती ऋण की आवश्यकता व्यक्त करते हुए औपचारिक माध्यमों से ऋण लेने की इच्छा व्यक्त की।
महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है ऑनलाइन सेवा का दायरा
महिलाओं में ऑनलाइन वाणिज्य सुविधाओं में 24 प्रतिशत तो वही ऑनलाइन मनोरंजन में 18 प्रतिशत सेवाओंको इस्तेमाल का दायरा बढ़ रहा है। 96 प्रतिशत महिलाओं ने रेल टिकट आरक्षित कराने की इच्छा जताई है।
डिजिटल रूप से अधिक समझदार होती हैं
95 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे नकद निकासी के लिए ‘एईपीएस’ को प्राथमिकता देती हैं। जबकि नकदी को प्राथमिकता दी जाती है, आधार कार्ड-आधारित लेनदेन और यूपीआई क्यूआर कोड भी तेजी से पसंद किए जा रहे हैं। आमतौर पर 18-30 वर्ष और 31-40 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं डिजिटल रूप से अधिक समझदार होती हैं।
70 प्रतिशत महिलाओं के पास जन धन बचत खाता
अभी भी 41 फीसदी महिलाओं ने फोन पेमेंट के लिए किसी ऐप का इस्तेमाल नहीं किया है। नकद निकासी, मोबाइल रिचार्ज और बिल भुगतान तीन सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली सेवाएँ हैं। 70 प्रतिशत महिलाओं के पास जन धन बचत खाता है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से नकद निकासी के लिए किया जाता है।
वैकल्पिक निवेश साधनों, धन प्रबंधन और सृजन के बारे में महिलाओं में जागरूकता बढ़ी
वैकल्पिक निवेश साधनों, धन प्रबंधन और सृजन के बारे में महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है। बचत की पहली प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा, उसके बाद चिकित्सा आपात स्थिति, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीदारी है। 54 प्रतिशत महिलाएं प्रति माह कम से कम 750-1000 रुपये बचाना पसंद करती हैं, जबकि 27 प्रतिशत महिलाएं लंबी अवधि की बचत के लिए 1500 रुपये या उससे अधिक बचाना पसंद करती हैं।
इस सर्वे में पाया गया है की 71 प्रतिशत महिलाएं 3 से 5 साल के अल्पकालिक निवेश को प्राथमिकता देती हैं, 74 प्रतिशत महिलाएं निवेश निर्णयों के लिए परिवार के सदस्यों पर निर्भर रहती हैं, जबकि 11 प्रतिशत महिलाएं वित्तीय सलाहकारों से मार्गदर्शन लेती हैं।