दुनिया में चावल की बढ़ती कीमत से पूरी हाहाकार मचा हुआ है। खास बात यह है कि दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देशों में भी चावल महंगाई का रिकॉर्ड तोड़ रहा है। आपूर्ति में गिरावट के कारण वियतनाम में चावल की कीमतें इस सप्ताह 15 वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। भारत में चावल की कीमतें दो महीने में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।
द इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में, 5 प्रतिशत टूटे हुए चावल को गुरुवार को $ 660 से $ 665 प्रति मीट्रिक टन की पेशकश की गई, जो जुलाई 2008 के मध्य के बाद से सबसे अधिक है। वहीं पिछले सप्ताह यह 655 डॉलर से 660 डॉलर प्रति मीट्रिक टन था। हो ची मिन्ह सिटी के एक व्यापारी ने कहा कि चावल की आपूर्ति में कमी के कारण कीमतें थीं। वे ऊंचे हो गए। 1 से 20 दिसंबर तक, हो ची मिन्ह सिटी बंदरगाह पर 162,800 टन चावल लोड किया गया था, जिसमें से अधिकांश इंडोनेशिया, फिलीपींस और क्यूबा भेजा गया था।
भारत में 5 प्रतिशत टूटे चावल की कीमत इस सप्ताह 505 डॉलर से 512 डॉलर प्रति मीट्रिक टन रही, जो दो महीने में सबसे अधिक है। खास बात यह है कि ये दरें पिछले सप्ताह से 499 डॉलर से 506 डॉलर की रेंज से ज्यादा हैं। भारतीय कीमतों और अन्य देशों की कीमतों के बीच बढ़ते अंतर के कारण, खरीदार अब अधिक कीमत पर भी चावल खरीदने से पीछे नहीं हट रहे हैं। इस साल भारत के चावल उत्पादन में आठ साल में पहली बार गिरावट आने की आशंका है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात पर अंकुश लगा सकती है।
ये रही सप्ताह की कीमतें
वहीं, थाईलैंड में 5 प्रतिशत टूटे चावल की कीमत अगस्त से 646 डॉलर से बढ़कर 650 डॉलर प्रति मीट्रिक टन हो गई है, जो पिछले हफ्ते 640 डॉलर थी।कारोबारियों ने कहा कि इस सप्ताह फिलीपीन से अधिक ऑर्डर मिलने से यह तेजी आई है। प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने कहा कि इंडोनेशिया ने सोमवार को प्राप्त एक पत्र में थाई सरकार को 20 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदने के अपने इरादे के बारे में सूचित किया। वहीं, कारोबारियों का कहना है कि अगले साल से बाजार में ज्यादा सप्लाई होने की उम्मीद है।