हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को नए साल का तोहफा दिया है। सरकार ने रबी फसल के नुकसान के मुआवजे के रूप में करोड़ों रुपये की बीमा दावा राशि जारी की है। इससे राज्य के हजारों किसानों को लाभ मिला है। वहीं सरकार के इस फैसले से राज्य के किसान काफी खुश हैं। उनका कहना है कि मुआवजा राशि से गेहूं मिलेगा, आप समय पर सरसों और अन्य फसलों में खाद और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर सकेंगे और इससे उत्पादन बढ़ेगा।
दरअसल, पिछले साल फरवरी-मार्च में हुई बेमौसम बारिश से , गेहूं, सरसों और जौ समेत कई रबी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। खासकर हजारों हेक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल ओलावृष्टि से नष्ट हो गई। ऐसे में किसानों ने सरकार से दावे के रूप में मुआवजे की मांग की। यही वजह है कि हरियाणा सरकार ने नए साल पर करीब 31 करोड़ रुपये की राशि दावे के तौर पर जारी कर दी। इसके साथ ही प्रदेश के 7 जिलों के करीब 29,438 किसानों के खाते में क्लेम राशि पहुंच चुकी है।
बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद
वहीं, कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की चिंता कर रही है। हमारा प्रयास है कि किसी तरह से किसानों की आय बढ़े। इसके लिए सरकार प्रदेश में कई तरह की योजनाएं भी चला रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई लगातार कर रही है। रबी सीजन 2022-23 के दौरान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बहुत अधिक नुकसान हुआ था। इसके लिए 31 करोड़ रुपये की मुआवजा दावा राशि जारी की गई है।
सिरसा जिले में 16.42 करोड़ रुपये वितरित
उन्होंने कहा कि सिरसा जिले के किसानों के खाते में सबसे अधिक 16.42 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई है। इसके बाद रेवाड़ी में किसानों को मुआवजे के रूप में 10.31 करोड़ रुपये दिए गए। इसी तरह भिवानी में 1.89 करोड़ रुपये, कुरुक्षेत्र में 1.36 करोड़ रुपये, फरीदाबाद में 35,900 रुपये, कैथल में 1.44 करोड़ रुपये और पंचकूला जिले में 18,000 रुपये के दावे वितरित किए गए हैं। जेपी दलाल ने कहा कि पिछले 9 साल के अंदर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं।
33,507 हेक्टेयर भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई
कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि 9 साल के भीतर राज्य सरकार ने लगभग 11 हजार करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी की है, जो सीधे किसानों के खातों में पहुंची है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार फसल बेचने पर 72 घंटे के भीतर किसानों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर देती है। उनके अनुसार, 2014 से पहले, राज्य में 33 थे। 507 हेक्टेयर भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई की व्यवस्था थी, लेकिन अब किसान सूक्ष्म सिंचाई तकनीक से 4,26,636, हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर रहे हैं।