महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के किसानों को दिए जाने वाले विभिन्न पुरस्कारों की राशि को चार गुना करने की घोषणा की है। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार प्याज और सोयाबीन के दामों में गिरावट से नाराज किसानों को लुभाने की कोशिश कर रही है। पुरस्कार की राशि में वृद्धि की घोषणा के पूर्व प्रदेश के 120 किसानों एवं छह पदाधिकारियों को विदेश भ्रमण पर भेजने की घोषणा की गई। इतना ही नहीं इस कार्य के लिए 1 करोड़ 40 लाख रुपये के व्यय को भी मंजूरी दी गई। प्याज की कीमतों के मुद्दे पर प्रदेश के किसान केंद्र और राज्य सरकार दोनों से नाराज हैं। इसके गैर-प्रतिबंध के कारण उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है। अब राज्य सरकार दूसरे तरीके से इन नाराज किसानों को मनाने की कोशिश कर रही है।
राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि राज्य सरकार के कृषि विभाग के माध्यम से कृषि क्षेत्र से संबंधित उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिए जाने वाले विभिन्न पुरस्कारों की राशि में चार गुना वृद्धि की गई है। कृषि विभाग के माध्यम से कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों एवं संस्थाओं को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाते हैं। पुरस्कार विजेताओं के पुरस्कारों और भत्तों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
जानिए राज्य में कौन से सरकारी पुरस्कारों में बढ़ी राशि
डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि रत्न पुरस्कार के तहत पहले केवल 75,000, रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है ।
वसंतराव नाइक कृषि भूषण पुरस्कार, जिजामाता कृषि भूषण पुरस्कार और कृषि भूषण जैविक कृषि पुरस्कार की राशि पहले 50-50 हजार रुपये थी। जिसे अब बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है ।
वसंतराव नाइक कृषि मित्र पुरस्कार और युवा शेतकरी पुरस्कार पहले 30,000 रुपये की राशि दी जाती थी, जबकि अब इसे बढ़ाकर 1,20,000 रुपये कर दिया गया है।
सामान्य समूह के लिए वसंतराव नाइक कृषि उत्कृष्टता पुरस्कार और जनजातीय समूह के लिए वसंतराव नाइक कृषि उत्कृष्टता पुरस्कार की राशि 11,000 रुपये से बढ़ाकर 44,000 रुपये कर दी गई है।
डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल कृषि सेवा रत्न पुरस्कार 10 लोगों को दिया जाएगा और सर्वश्रेष्ठ कृषि वैज्ञानिक पुरस्कार 4 लोगों को दिया जाएगा।
कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पुरस्कार विजेताओं के लिए यात्रा भत्ता बढ़ा दिया गया है। अब प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 15,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा।
किसानों के बीच जाएगा संदेश
प्रदेश के कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार ने पुरस्कारों की राशि और संख्या बढ़ाकर सुधार किया है। इससे किसानों को कृषि के क्षेत्र में नवाचार करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्नत किसानों की संख्या बढ़ेगी। सरकार संदेश दे रही है कि वह नवाचार करने वालों और काम करने वालों के साथ खड़ी है। हालांकि इसके साथ ही अगर सरकार ने भी ऐसा किया होता कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिया जाता तो बहुत अच्छा होता। दुख की बात यह है कि सरकारी आदेश खुद ही किसानों की उपज के दाम कम कर रहा है। उदाहरण के लिए, छूट न मिलने के कारण प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं और किसानों को परेशानी हो रही है।