केंद्र सरकार ने संसद भवन में शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में बताया कि उसने इस वित्त वर्ष में जनवरी तक उर्वरक सब्सिडी के रूप में करीब 1.71 ट्रिलियन रुपये खर्च किए हैं। रसायन, और उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई उर्वरकों पर सब्सिडी दे रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 (31 जनवरी, 2024 तक) के लिए देश में उर्वरकों के लिए प्रदान की गई सब्सिडी 1,70,923, करोड़ रुपये है।
मंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि सरकार ने 1 अप्रैल, 2010 से फॉस्फेटिक और पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) नीति लागू की है। इस नीति के अंतर्गत अधिसूचित पीएण्डके उर्वरकों में उनके पोषक-तत्व होंगेराजसहायता की एक निश्चित राशि वार्षिक/अर्धवाषक आधार पर उपलब्ध कराई जाती है। इस नीति के अंतर्गत, उर्वरक कंपनियों द्वारा पी (अधिकतम खुदरा मूल्य) को बाजार गतिशीलता के अनुसार उपयुक्त स्तर पर निर्धारित किया जाता है, जिसकी निगरानी सरकार द्वारा की जाती है। इसके अनुसार, गरीब और सीमांत किसानों सहित भारत का कोई भी किसान जो इन उर्वरकों को खरीदता है, उसे सब्सिडी का लाभ मिलता है।
45 किलो यूरिया बैग की कीमत क्या है?
यूरिया के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों को यूरिया वैधानिक रूप से अधिसूचित दर पर उपलब्ध कराया जाता है। बयान में कहा गया है, ‘यूरिया के 45 किलोग्राम के बैग की कीमत 242 रुपये प्रति बैग है (इसमें नीम कोटिंग के शुल्क और लागू कर शामिल नहीं हैं)। एक अलग उत्तर में, खुबा ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में, उर्वरकों पर सब्सिडी पर 2018-19 में 73435.21 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। 2019-20 में 83,466.51 करोड़ रुपये, 2020-21 में 131229.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं, 2021-22 में 157640.63 करोड़ रुपये खर्च किए गए और 2022-23 वित्तीय वर्ष के दौरान उर्वरकों पर सब्सिडी के रूप में 2,54,798.88 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
संसद में क्या बोले अर्जुन मुंडा
केंद्र ने मंगलवार को संसद को बताया कि उसके पास पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को वित्तीय लाभ को 8,000 रुपये या 12,000 रुपये प्रति वर्ष करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि इस योजना के तहत महिला किसानों के लिए राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। दरअसल, संसद भवन में सरकार से पीएम किसान की राशि बढ़ाने को लेकर सवाल पूछा गया था। सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार पीएम किसान की राशि को बढ़ाकर 8000 या 12000 रुपये प्रति वर्ष करने की योजना बना रही है। इसके जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।