बेल का फल एक मीठा ,सुगंधित फल है, जो कि बेल के पेड़ पर उगता है। ये भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में मूल रूप से पाया जाता है। इस फल का इस्तेमाल आमतौर पर ताजा ,सूखे ,रस या शरबत के रूप में किया जाता है। बेल फल खाने में जितना स्वादिष्ट होता हैं उतना ही इसका स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आइए जानतें है पूरे विस्तार से क्या हैं बेल फल के फायदे
पाचन में सहायक
बेल पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में उपयोगी है। पेट के अल्सर के मरीजों के लिए फायदेमंद। इसके गुण आंतों को साफ करने और कब्ज को रोकने में मदद करते हैं। बेल के रस में चुटकी भर नमक और काली मिर्च मिलाकर नियमित सेवन करने से कब्ज के इलाज में लाभ होता है। स्कर्वी रोग शरीर में विटामिन सी की कमी के कारण होता है। जिससे हाथ-पैरों में दर्द और कमजोरी होने लगती है। वहीं बेल में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है।
त्वचा के संक्रमण से बचाएं
त्वचा संक्रमण के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी, कई त्वचा विकारों को ठीक करता है। बेल रक्त शुद्धि के लिए उपयोगी है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए महत्वपूर्ण। हृदय, लीवर और किडनी की समस्याओं के इलाज में उपयोगी। पोटेशियम की मात्रा अधिक होने के कारण यह रक्त को शुद्ध करता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। शरीर की समग्र रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
कैल्शियम से हैं भरपूर
बेल कई हृदय रोगों के इलाज में महत्वपूर्ण है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, लिपिड संचय को रोकता है। सामान्य सर्दी, खांसी और फ्लू के लक्षणों के इलाज में उपयोगी है। इसके साथ ही शरीर को बलगम से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। आयु अस्थमा के इलाज के लिए फायदेमंद, बालों को जड़ों से मजबूत बनाता है। यह तनाव हार्मोन स्राव को सामान्य करके तनाव और चिंता के कारण बालों के झड़ने और टूटने को भी रोकता है।
मधुमेह नियंत्रण में है सहायक
बेल फल का सेवन मधुमेह रोग को नियंत्रित करने में सहायक होता है। बेल के पेड़ कि छाल और शाखाओं में मौजूद सक्रिय घटक ”फेरोनिया गम ”में मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक गन पाए जाते हैं। यह कोशिकाओं से रक्त प्रवाह में इंसुलिन के उत्पादन को नियंत्रित करता है