हैदराबाद। देश विदेश में पाम की खेती बड़े पैमाने पर होती है। विदेशों में किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। भारत अधिक मात्रा में पाम के तेल का आयात करता है जिससे कि सरकारी खजाने को काफ़ी नुकसान होता है। देश में पाम आयल का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। ऐसे में बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि फ़ूड्स देश के किसानों को पाम की खेती करने का मौका दे रही है जिसमे कम्पनी किसान भाइयों को प्राइमरी और सेकेंड्री नर्सरी में पौधे तैयार करके किसानों को मुहैया करवायेगी और साथ ही फ़सल के रखरखाव के साथ पक्की फ़सल को भी खरीदेगी।
आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले में आयोजित एक कार्यकम में बाबा रामदेव ने बताया कि हमारी कंपनी पाम प्लांटेशन प्रोग्राम के तहत प्राइमरी और सेकेंड्री स्टेज में पौधों को तैयार करके किसानों को मुहैया करवायेगी, जिसमे कि पौधों के रखरखाव से लेकर और पाम की खरीददारी कम्पनी करेगी। उन्होंने कहा कि पाम के पौधे को लगाने के लिए उसके बीज को गमले में बो देते हैं जिसके बाद उसका पौधा तैयार हो जाता है। इसके पौधे को तैयार होने में 4 से 5 वर्ष का समय लगता है और उसके बाद फसल आती है। इसके पौधे की आयु 35 से 40 वर्ष होती है। एक हेक्टेयर में 20 से 25 टन का उत्पादन होता है।
उन्होंने कहा कि पाम के उत्पादन के लिए अभी हमारे साथ 40000 किसान जुड़े हैं। आने वाले 4-5 सालों में योजना के तहत 4 से 5 लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत हमने 1 करोड़ पौधे लगाए हैं इसका बड़ा हिस्सा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और असम सहित नार्थ ईस्ट के पांच राज्यों में लगाये हैं।उन्होने कहा वर्तमान समय में हमने नर्सरी में 1करोड़ पौधे तैयार किये हैं और आने वाले 5-6 वर्षों में 8 से 10 करोड़ पौधे तैयार करने का लक्ष्य रखा है।हमने आने वाले 5-7 सालों में 2000 करोड़ रूपये का अविटा का लक्ष्य रखा है। इसके तहत हम लगभग 5 लाख किसानों को जोड़ेंगे और जिससे कि इंडोनेशिया, मलेशिया समेत अन्य देशों में आयात होने वाले पाम आयल पर अंकुश लगेगा और देश के राजस्व को लगभग डेढ़ लाख करोड़ से 2 लाख करोड़ का फायदा होगा।
बंजर जमीन पर भी की जा सकती है खेती
पाम की खेती बंजर ज़मीन पर भी की जा सकती है। फसल को ओलावृष्टि, आंधी और बारिश से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा। इस फसल को लगाने से किसान भाइयों को एक एकड़ ज़मीन पर लगभग 2 लाख रूपये की आमदनी होगी।
पेड़ तैयार होने तक खेत में कर सकते हैं सब्जियों की खेती
पाम के पेड़ो को तैयार होने में लगभग 4 से 5 साल का समय लगता है इस दौरान खेतों में लौकी, तोरी भिंडी समेत अन्य सब्जियों की खेती की जा सकती है।
पेड़ लगाने से लेकर तेल निकालने तक कम्पनी करेगी मदद
रामदेव ने बताया कि पौधों की नर्सरी तैयार करने से लेकर तेल निकालने का जिम्मा पतंजलि फ़ूड्स ने अपने हाथों में लिया है। उन्होंने कहा कि जो किसान भाई पाम की खेती करना चाहते हैं उनको हम अच्छे पौधे उपलब्ध करवायेंगे, सही समय पर प्रोसेसिंग यूनिट लगवायेंगे, ड्रिप इर्रिगेशन से लेकर खाद उपलब्ध करवाने के लिए हमारे पास एक प्रशिक्षित टीम है। इस क्षेत्र में हम पिछले 25 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। इसके तहत जो किसान भाई पाम की खेत करेंगे उनको केंद्र और राज्य सरकार 40000 रूपये सब्सिडी के रूप में देगी।