मछली सुखाने की इस प्रक्रिया से बढ़ जायेगा निर्यात, डिटेल्स जानने के लिए पढें खबर

मत्स्य-पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार सी फूड में शामिल होने वाले सभी प्रकार के आइटमों के बीच से सूखी मछली और झींगा मछली से 307.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई है । यदि सिर्फ़ सूखी मछली की उपलब्धि की बात करें तो 24.88 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई है।

सूखी मछली की अपनी ही विशेषता होती है लोग  इसे काफी चाव से खाते हैं। इसकी मांग देशी और विदेशी बाजारों में बनी रहती है। यह बात बहुत पुरानी नहीं है जब सूखी मछली की विदेशों में बहुत मांग थी। लेकिन भारत में सूखी मछली की खरीदारी के लिए कोई तैयार नहीं होता था। इसका कारण था कि हमारे देश में मछली को सुखाने के पुराने तरीके थे और हमारी सूखी मछली विदेशी मानकों को पूरा नहीं कर पाती थी। लेकिन जब मछली को सुखाने के तरीके बदले गए तब सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPHET), लुधियाना और अन्य संस्थानों ने नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके नई तकनीक विकसित की,जिसके चलते छोटे मछुआरे भी वैज्ञानिक तरीके से मछली को सुखाना शुरू कर दिया।

बीते स्तर 2022-2023 में मछली के निर्यात ने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 5.5 करोड़ रूपये की सूखी मछली विदेशों में निर्यात की गई। ये आंकड़े मत्स्य और पशुपालन विभाग ने जारी किये हैं हालाकी विबाहग का कहना है कि इसमें झींगे के निर्यात के आंकड़े शामिल नहीं हैं ।

कोल्ड स्टोरेज में मछली को न रखकर सुखाकर बेच रहे मछुवारे

मंत्रालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार सूखी मछली का एक्सपोर्ट डबल से भी अधिक बढ़ गया है। लगभग 5503 करोड़ रुपये की  सूखी मछली का निर्यात किया गया है। मछली के निर्यात में सत्र 2021-22 के मुकाबले 58.51% की वृद्धि है और मात्रा के हिसाब से देखें तो 62.65% की वृद्धि हुई है। सी फूड इंडस्ट्री का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके परिणामस्वरूप अब अधिकांश लोग महंगी कीमत पर कोल्ड में मछली रखने की बजाय कम लागत पर उसे सूखाकर बेचना पसंद करेंगे। सूखी मछली के ड्राई आइटम में कटलफिश, सुरमी, और आक्टोपस आदि शामिल हैं।

सोलर ड्रायर समेत अन्य तकनीकों से बेहतर होती गुणवत्ता

मंत्रालय ने बताया है कि साल 2022-23 में कुल 13.69 मीट्रिक टन की मात्रा में सी फूड एक्सपोर्ट किया गया है। इसकी कुल कीमत 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। मंत्रालय का कहना है कि यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सोलर ड्रायर और अन्य तकनीकों के उपयोग से ड्राई फिश की गुणवत्ता अच्छी होती है।

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