मौसम्बी की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं किसान,ऐसे करें खेती

लखनऊ: मौसम्बी का फल काफी पौष्टिक होता है इसमें जिंक, फाइबर, कॉपर, विटामिन सी, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाये जाते हैं। इसका जूस पीने से शरीर में एनर्जी आती है और चेहरे पर चमक आती है।

देश के कई राज्यों में किसान सेब, अनार, अमरूद, आम और जामुन जैसे अनेक प्रकार के फलों की खेती करते हैं। इनमें से कुछ फल मौसमी होते हैं जबकि कुछ फलों की खेती पूरे साल की जाती है। इन सभी फलों का अपना स्वाद और फ्लेवर होता है। लेकिन मौसम्बी  में एक अलग ही बात है। यह एक ऐसा फल है जो मार्केट में साल भर मिलता है। हर दूसरे चौराहे पर आपको मौसम्बी का जूस मिल जायेगा। मौसम्बी का सबसे अधिक उपयोग जूस बनाने में किया जाता है। इसमें कई प्रकार के विटामिन्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसी कारण चिकित्सक भी मरीजों को मौसम्बी का जूस पीने की सलाह देते हैं।

मौसम्बी में जिंक, फाइबर, कॉपर, विटामिन सी, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मौसम्बी का जूस पीने से शरीर आंतरिक रूप से मजबूत होता है और चेहरे पर चमक आती है। मौसम्बी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके जूस को सुबह-सुबह खाली पेट पानी और शहद मिलाकर पीने से शरीर का वजन कम होता है। इसलिए मौसम्बी की मांग हमेशा बनी रहती है। ऐसे में किसान भाई मौसम्बी की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।

 फ्लड इरिगेशन विधि से करें सिंचाई

मौसम्बी का उत्पादन कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों के किसान बड़े पैमाने पर करते हैं। हालांकि अब बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी किसान इसकी खेती करने लगे हैं । मौसम्बी की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन रेतीली दोमट मिट्टी मौसम्बी की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसकी सिंचाई को फ्लड इरिगेशन विधि के माध्यम से करने पर पौधों का विकास तेजी के साथ होता है। गर्मियों में मौसम्बी को 15 से 20 दिनों के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है। ड्रिप इरिगेशन विधि का भी उपयोग करके इसकी सिंचाई की जा सकती है।

एक पेड़ में होगा 50 किलो उत्पादन

मौसम्बी की एक विशेषता है कि इसके पेड़ में तीन साल बाद फल आने लगता हैं । पांच साल के बाद इसके पेड़ में फलों की पैदावार अच्छी होती है।पांच साल बाद एक पेड में लगभग 50 किलो तक का मौसम्बी का उत्पादन होता है। यदि आपने अपने खेत में 100 पेड़ लगाए हैं तो पांच साल के बाद इससे आपको आपको 50 क्विंटल तक का उत्पादन मिल सकता है। मौसम्बी पेड़ों पर मक्खी, सिल्ला, लिंफ माइनर, और इल्ली जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। इससे बचाव के लिए नियमित रूप से कीटनाशकों का छिड़काव करते रहना चाहिए।

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