नौकरी की बजाय अपनाया खेती का रास्ता,अब सालाना कमाती है 45 लाख

कृषि क्षेत्र में हुए आधुनिककरण ने युवाओंको खेती की ओर आकर्षित किया है। आजकल युवा बड़ी संख्या में अपनी नौकरी को छोड़कर खेतीबाड़ी में जुट गए हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने में महिलाएं भी पीछे नहीं है। आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर आप भरपूर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। कुछ युवा अपनी नौकरी छोड़कर सफल खेती करते नजर आ रहे हैं। पुरुषों के साथ महिलाएं भी खेतों में काम करती नजर आ रहीं हैं। आज हम एक ऐसी युवा महिला की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने किराए की जमीन लेकर भरपूर उपज पैदा की और खेती से मोटा मुनाफा भी कमा रही है।

यूपी की महिला किसान ने बदला खेती का रूपरंग 

23 साल की उम्र में खेती की शुरुआत करने वाली अनुष्का जयसवाल अपने खेत में उगाई गई सब्जियों को लखनऊ के सभी बाजारों और कई बड़े शॉपिंग मॉल में बेचकर न सिर्फ मोटा मुनाफा कमा रही हैं बल्कि 20 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रही है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की युवती अनुष्का जयसवाल ने पढ़ाई के बाद नौकरी करने की बजाय खेती का रास्ता चुना। आज वह प्रति माह 2 लाख रुपये से ज्यादा कमा रही हैं। जिससे 20 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। अनुष्का ने 23 साल की उम्र में खेती शुरू की और अब 27 की है। आज वह सालाना 45 लाख रुपये से ज्यादा कमा रही हैं।

एक एकड़ से शुरू की खेती आज 6 एकड़ में फैली 

2021 में अनुष्का ने लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके के सिसेंडी गांव में एक एकड़ जमीन को लीज पर लेकर खेती शुरू की। उन्होंने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से पासआउट होने के बाद किसी मल्टिनॅशनल कंपनी में अपना करियर बनाने के बजाये उन्होंने खेती का रास्ता चुना। सरकार की मदद से उन्होंने एक एकड़ में पॉली हाउस शुरू किया। सरकार की ओर से उन्हें 50 प्रतिशत सब्सिडी भी मिली। अब वह 6 एकड़ जमीन पर खेती कर रही हैं। जहां शिमला मिर्च, पत्तागोभी, फूलगोभी और भी कई सब्जियां हैं उगाई जाती हैं।

लखनऊ के बाजारों और कई बड़े शॉपिंग मॉल में बिकती हैं सब्जियां  

खेत में उगाई गई सब्जियां लखनऊ के सभी बाजारों और कई बड़े शॉपिंग मॉल में बेची जा रही हैं। अनुष्का के पिता बिज़नेस मेन है,भाई पायलट,बहन वकील और उनकी भाभी सॉफ्टवेयर इंजिनियर है। अनुष्का के परिवार की कोई कृषि पृष्ठभूमि नहीं थी, इसलिए उनके पास कोई पैतृक विरासत नहीं थी। ऐसे में पहले एक एकड़ जमीन लीज पर ली गई। इसमें सफल होने के बाद उन्होंने फिर तीन एकड़ जमीन ली और प्रशिक्षण लेकर खेती शुरू की।

सरकार से मिली 90 प्रतिशत की सब्सिडी

अनुष्का ने दिखा दिया है कि कम जमीन में ज्यादा पैदावार कैसे की जाती है। आलम यह रहा कि एक एकड़ में ही इंग्लिश ककड़ी का 50 टन उत्पादन हुआ। जबकि लाल पीली बेल मिर्च 35 टन की फसल हुई। यही नहीं शिमला मिर्च का दाम मार्केट में अच्छा चल रहा है. लखनऊ की सभी मंडियों और कई बड़े शॉपिंग मॉल में भी उनके खेत पर उगी हुई सब्जियों की बहुत ज्यादा डिमांड है। अब महिला किसान अनुष्का जायसवाल की चर्चा पूरे जिले में हो रही है। खास बात यह है कि यह महिला किसान जैविक विधि से हरी सब्जियों की खेती करती हैं। प्रगतिशील किसान अनुष्का ने बताया कि उद्यान विभाग से पर ड्रॉप मोर क्राप के अंतर्गत 90 प्रतिशत की सब्सिडी मिली, जिससे सब्जियों की खेती करने में खर्चा काफी कम लगा और हम अपनी फसल पर ज्यादा ध्यान दे पाए।

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