दिल्ली | दिन ब दिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार ने चावल के दामों में कमी लाने के लिए गैर बासमती चावल की निर्यात पर रोक लगा दी है | हालांकि कुछ शर्तों के मद्देनजर चावल निर्यात हो सकता है |
देश से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2022-23 में 4.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में यह 2.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था | ये फैसला आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू डिमांड में बढ़ोतरी और खुदरा कीमतों पर नियंत्रण को ध्यान में रखकर लिया गया है | इस बैन का बड़ा असर अमेरिकी बाजारों में देखने को मिल रहा है | अमेरिका में सुपरमार्केट में चावल खरीदने के लिए लोगों में होड़ सी मची है |
निर्यात की चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 फीसदी
खाद्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक, गैर-बासमती चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। बता दें कि कुल निर्यात में दोनों किस्मों के चावल का हिस्सा काफी ज्यादा है। देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 फीसदी है।
खाद्य मंत्रालय की ओर से बीते सप्ताह जारी बयान में कहा गया था कि बासमती चावल और सभी तरह के उसना चावल के निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है | यानी केवल गैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है | हालांकि भारत से बड़े पैमाने पर बासमती चावल का निर्यात किया जाता किया जाता है | सरकार ने गैर बासमती चावल के घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया है | इसके बाद अमेरिका में चावल खरीदने के लिए मची अफरा-तफरी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं |
उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम होंगी
गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से देश में उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम होंगी। गैर-बासमती चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं करने को लेकर कहा गया कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाभकारी कीमतों का लाभ मिलता रहेगा। हालांकि, इस चावल की खेप को कुछ शर्तों के तहत निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी।