उरद दाल की खेती से किसान कैसे हो सकतें हैं मालामाल? जान ले पूरा तरीका

गर्मी का मौसम शुरु हो चुका है, ऐसे में खेतो में नई फसलों की बुवाई का समय भी आ चुका है। लेकिन, आज बात एक ऐसी फसल की जिसकी डिमांड मार्केट में साल के हर समय रहती है। बात हो रही है उरद दाल की।

गर्मी का मौसम इसकी खेती के लिएं सर्वोत्तम

उरद दाल को प्रमुख फसलों मे गिना जाता है। गर्मी का मौसम इसकी खेती के लिएं सर्वोत्तम माना गया है, क्योंकि इस मौसम में थोड़ी नमी होती है। उरद दाल की खेती शुरु करने के लिएं अप्रैल के महीने को सबसे सही माना जाता है।

किस तरह की मिट्टी की होगी ज़रूरत

उरद दाल के लिएं दोमट या हल्की रेतीली मिट्टी को सही माना जाता है। इस मिट्टी की ओह वैल्यू 7 या 8 के बीच मे होनी चाहिए। उरद की खेती के लिएं एसिडिक या अल्कलाइन भूमि को सही नही माना जाता। बारिश शुरु हो जानें के बाद दो तीन बार हल चलाकर खेत को समतल करे । बारिश शुरु होने से पहले बोनी करना अच्छा माना जाता है।

कैसे होती है इसकी बुवाई?

तो उरद दाल की बुवाई के लिएं एक से दुसरी लाइन की दुरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए। वही एक से दूसरे पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। उरद के बीज कम से कम 4 से 6 सेंटीमीटर गहराई में बोए जाते हैं। वहीं सेडेटिव बसलिन 800 मिली. से 1000 मिली. प्रति एकड़ 250 लीटर पानी में घोल बनाकर खेत में छिड़कने से अच्छे रिजल्ट मिलते हैं।

ऐसे करे अपने फसल की सुरक्षा

उरद दाल की फसल में कीट लगने का खतरा लागातार बना रहता है। ऐसे में किसान को समय पर अपने फसल की जांच करते रहनी चाहिए। फसलों में रोगों की पहचान करने के बाद अलग अलग पेस्टिसाइड्स का उपयोग किया जा सकता है।

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