साल 2024–25 के बजट का सभी को बेसब्री से इंतजार है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, 2024-25 के लिए पूरे बजट की घोषणा 24 जुलाई को संसद की मॉनसून सेशन के दौरान की जा सकती है। वहीं इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट 23 जुलाई को साझा की जा सकती है।
हालाँकि बजट के एलान की सटीक तारीखों की अनाउंसमेंट जल्द ही की जाएगी, सूत्रों ने बताया कि आमतौर पर, पार्लियामेंट की दो बैठकों के बीच कम से कम 15 दिन का ब्रेक होता है। 18वीं लोकसभा की पहली बैठक मंगलवार को खत्म हो गई. 15-डेज ब्रेक नियम के बाद, अगली बैठक 18 जुलाई (गुरुवार) को शुरू हो सकती है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह इस बार 22 जुलाई (सोमवार) को शुरू हो सकती है।
राष्ट्रपति ने किया पार्लियामेंट को संबोधित:
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में बात की. उन्होंने बताया कि , अपने तीसरे टर्म में मोदी सरकार का नया बजट इकोनॉमिक और सोशल डेवलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। ये बदलाव गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों की मदद पर केंद्रित होंगे। मुर्मू ने यह भी कहा कि इस बजट में भारत को विकसित देश बनने में मदद के लिए महत्वपूर्ण कदम शामिल होंगे।
बजट में किए जा सकते हैं कुछ बदलाव:
फरवरी में फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए अंतरिम बजट में दिए गए 47.65 ट्रिलियन रुपये के खर्च में सरकार के नए विचारों के आधार पर परिवर्तन हो सकते हैं, लेकिन बजट की कमी (Fisical deficit) जैसे बड़े मुद्दों में बड़े परिवर्तन नहीं होने की संभावना है।
आरबीआई से 2.11 ट्रिलियन रुपये के लाभांश के बजाय, केंद्र को 80,000-90,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद का 0.4% ज्यादा फैसिकल स्पेस मिला है।
सरकार नई योजनाओं के साथ-साथ पहले से चल रही योजनाओं में भी सुधार करेगी ताकि उनमें अधिक लोग लाभ उठा सकें और कुछ विशेष वर्ग के लोगों को अधिक लाभ मिल सके। इसके अनुसार, सरकार पीएम आवास योजना-ग्रामीण में फाइनेंसियल हेल्प को 1.3 लाख रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 2.4 लाख रुपये कर सकती है। इसी प्रकार, इस साल मार्च में पीएमएवाई-शहरी योजना के समाप्त होने के बाद, केंद्र शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए पांच साल के लिए 60,000 करोड़ रुपये की नई ब्याज सहायता योजना शुरू कर सकता है।
बजट की कमी का लक्ष्य, जो 1 फरवरी को दिखाए गए वर्ष 2025 के इंटरिम बजट में 5.1% होने का अनुमान है, 5% के करीब रहने की संभावना है।